राजस्थान के इस शहर में हिन्दू भी रखते है रोजे

कहा जाता है देश में विविधता में एकता है, बस यही एक बड़ा कारण है जिसके चलते मेरा देश न सिर्फ भारत में बल्कि विश्वभर में पॉपुलर है.वहीं अभी मुस्लिम समुदाय का पवित्र महीना रमजान चल रहा है, इसके चलते हम आपको बताते है एक गाँव के बारे में जहाँ न सिर्फ मुस्लमान बल्कि हिन्दू भी बड़ी संख्या में रोजे रखते है.  

 राजस्थान का सरहदी इलाकों में मुसलमानों के साथ-साथ हिंदू भी रोजे रख रहे है. भारत-पाक सीमा के करीब इन गांवों में हिंदू और मुस्लिम परिवारों में समान रिवाज और परंपराएं देखी जा सकती हैं. रमजान के महीने के दौरान रोजे रखने की परंपरा बाड़मेर और जैसलमेर जिले में मेघवाल समुदाय के बीच काफी प्रचलित है.

इस समुदाय के लोग राजपूत संत पीर पिथोरा का अनुसरण करते हैं जिनकी दरगाह सरहद पार पाकिस्तान के सिंध प्रांत में है. मेघवाल समुदाय के लोगों का ये रोजा हिंदू-मुस्लिम सांप्रदायिक शांति और भाइचारे को मजबूत करता आया है.बता दें कि रोजे रखने की यह परंपरा शरणार्थी हिंदुओं में आम है. शरणार्थी हिंदू 1965 और 1971 के युद्धों के दौरान सरहद पार से आकर बॉर्डर के आसपास के गांवों में बस गए थे, तब से ही यह परंपरा चली आ रही है. 

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