महादेव सट्टेबाज़ी एप की काली कमाई कैसे होती थी सफ़ेद ? ED की जाँच में हुआ खुलासा

रायपुर: छत्तीसगढ़ में चर्चित महादेव सट्टा मामले में पूछताछ करते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ED) को नए लोगों के बारे में जानकारी मिली है। साथ ही जाँच एजेंसी को ये सुराग भी मिले हैं कि, महादेव सट्टा की अवैध कमाई को किस तरह आरोपियों की मदद से उसको लीगल किया जा रहा था। ED ने महादेव सट्टा मामले में दो लोगों को अरेस्ट कर लिया है। जिसमें से 1 रायपुर का और 1 कलकत्ता का कारोबारी है। रिपोर्ट के अनुसार, इन दोनों की मदद से महादेव सट्टा ऐप की कमाई को कानूनी रूप से अलग-अलग जगह इन्वेस्ट किया जाता था। 

ED ने महादेव सट्टेबाज़ी मामले में आरोपी नितिन टीबरेवार और अनिल अग्रवाल को समन भेज कर पूछताछ के लिए तलब किया था। पूछताछ करने के बाद ED को कई महत्वपूर्ण जानकारी दोनों से मिली है। पूछताछ करने के बाद दोनों ही‌ आरोपी को ED न्यायालय में पेश किया‌ गया‌ था।‌  जिसपर अदालत ने दोनों को 17 जनवरी तक ED की रिमांड‌ में भेजा है। ED दोनों से अभी और पूछताछ करेगी, माना जा रहा है कि सौरभ और रवि के पैसों से सम्बंधित और अधिक जानकारी ‌इस पूछताछ में सामने आ सकती है‌।‌

बता दें कि, महादेव सट्टा‌ मामले में ED की पूछताछ में अभी जो तथ्य सामने आए हैं, उसके अनुसार नितिन टीबरेवाल ने दुबई में बंगले और संपत्ति खरीद रखी‌ है। इसके साथ ही आरोपी इस पूरे सट्टे की रकम से शेयर खरीदकर अलग-अलग जगह खपाता था। ED अब दोनों की सभी संपत्ति ‌की जांच‌ करने में भी जुट गई है। बहुत जल्द कई नए खुलासे हो सकता है।

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