ये बिल्डर रेरा के फैसले को दे सकते हैं चुनौती, जानिये कैसे सुलझेंगे मामले

बिल्डर और लोग हिमाचल रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी एक्ट (रेरा) के फैसले को भी चुनौती दे सकते है । इसके अलावा यदि बता की जाये तो इसके लिए न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक कमेटी (बोर्ड) गठित होगा। जो बिल्डर रेरा के फैसले से संतुष्ट नहीं हो सकते है , वे इस कमेटी में अपील कर सकेंगे। न्यायाधीश के अलावा इसमें दो और सदस्यों को मौजूद किया जाना है। इसके साथ ही प्रदेश सरकार की ओर से इसकी प्रक्रिया शुरू की जा रही है। वही इससे यह तो साफ हो गया है कि रेरा का फैसला अंतिम नहीं हो सकता है । 

आपकी जानकारी के लिए बता दें की देश के अन्य राज्यों में रेरा और न्यायाधीश वाली कमेटियां गठित हो गई हैं। हिमाचल में अब इसको गठित किया जाना है। इसके अलावा वही न्यायाधीश कमेटी का चेयरमैन होगा जबकि दो सदस्य कानूनी जानकार होंगे। उल्लेखनीय है कि हिमाचल के बिल्डर रियल एस्टेट रेगुलेटरी एक्ट के तहत ही रजिस्टर्ड होंगे। 500 वर्ग मीटर से ज्यादा जमीन बेचने और भवन बनाने वाले लोग बिल्डर की श्रेणी में आ सकते है ।

 बिल्डरों से रजिस्टर्ड होने के लिए 2 रुपये से लेकर 15 रुपये प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से शुल्क लिया जाना है। इसके अलावा बिल्डरों पर नकेल, लोगों को राहत - रेरा प्रोजेक्ट में भले ही बिल्डरों पर नकेल कसी जा रही हो, परन्तु प्लॉट और फ्लैट खरीदने वाले लोगों को इसमें राहत मिलेगी। बिल्डर लोगों से धोखाधड़ी नहीं कर सकेंगे।वही  ऐसे मामले सुलझाए जाएंगे- जमीन बेचने वाले अगर बिल्डर को जमीन संबंधित कागजात में सहयोग नहीं करता है तो वह अपील में जा सकता है। बिल्डर की ओर लोगों को फ्लैट न दिया जाना।

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