पहले बनाए नियम फिर अपनी ही बातों से मुकरी हेमंत सरकार

रांची: हेमत सरकार के लिए कैबिनेट में आधी-अधूरी तैयारियों के साथ अध्यादेश लाना भारी पड़ गया.  कोविड रोकथाम के नाम पर एक लाख के भारी-भरकम जुर्माने से पीछे हटते हुए सरकार ने बीते शुक्रवार को बताया कि दंड की राशि अभी तय नहीं की गई. राज्‍य सरकार की ओर से एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा है कि आगे रेगुलेशन जारी कर आदेशों का उल्‍लंघन के हिसाब से दंड की राशि तय की जाने वाली है. स्‍वास्‍थ्‍य, चिकित्‍सा शिक्षा एवं परिवार कल्‍याण विभाग की ओर से राज्‍य से संबद्ध संक्रामक रोग अध्‍यादेश 2020 का उल्‍लेख करते हुए बताया गया है कि आम लोगों में चालान को लेकर फैली भ्रांतियां उचित नहीं थी. यह कोरोना संक्रमण के रोकथाम के लिए फौरी तौर पर किया गया सुझाव भेजे गए है. जुर्माने की राशि अभी तक सोची नहीं गई है.

जंहा इस बात का पता चला है कि इस अध्‍यादेश के बारे में जनता के पास यह संदेश अधिक प्रचलित हो रहा है कि मास्क नहीं पहनने पर 1 लाख रुपये तक जुर्माना देना होगा. सरकार चाहकर भी इस पर काबू नहीं पा रही है. और अब जल्द ही इसका संशोधित स्वरूप सभी के समक्ष आ रहा है. जिसमे स्पष्ट तौर पर अंकित होगा कि किस अपराध के लिए कौन सा जुर्माना देना होगा और सजा की मियाद क्या होगी.

फजीहत के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय और आपदा प्रबंधन मंत्रालय आपस में एक-दूसरे पर फेंकाफेंकी कर रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय तर्क दे रहा है कि मास्क लगाकर चलने का निर्देश आपदा प्रबंधन मंत्रालय ने दिया है तो आपदा प्रबंधन इससे मना कर दिया है. बहरहाल, स्वास्थ्य मंत्रालय इस अध्यादेश के तहत अलग-अलग अपराधों में जुर्माने की राशि तय करने में लगे हुए है. 

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