किसान आंदोलन: हर तरह की चर्चा के लिए तैयार सरकार, अब कृषि कानूनों पर संसद में होगी बहस

नई दिल्ली:  कृषि कानूनों के मसले को लेकर केंद्र सरकार अपने फैसले पर अड़ी हुई है. सरकार इन कानूनों को रद्द करने के पक्ष में नहीं दिख रही है. इस पर आज पीएम मोदी ने भी स्थिति साफ़ कर दी है. आज सर्वदलीय बैठक में पीएम मोदी ने कहा है कि किसानों के साथ बातचीत में जो बातें कही गई थी, जो शर्तें मानी गई थीं, वह अभी भी कायम हैं. पीएम मोदी ने यह भी कहा है कि कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने जो प्रस्ताव दिया था, हम उस पर बातचीत के लिए तैयार है.

सरकार ने कृषि कानूनों पर बहस के लिए विपक्ष की मांग को भी स्वीकार कर लिया है. यानी अब संसद में कृषि कानूनों को लेकर बहस की जाएगी. सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस-TMC  और अन्य दलों के नेताओं ने कृषि कानून दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के मुद्दे पर संसद में चर्चा कराने की मांग की, जिस पर सरकार राजी है. केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बताया कि विपक्ष ने किसानों के मुद्दे पर बहस की मांग की है, इसके लिए हम तैयार हैं.

केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने आगे कहा कि सर्वदलीय बैठक में पीएम मोदी ने कहा है कि किसानों सरकार के बीच 11वीं बातचीत में हमने कहा कि सरकार चर्चा के लिए सहमत है. तोमर ने कहा था कि किसान केवल एक फोन कॉल कर दें. जब भी आप कहेंगे तो हम चर्चा के लिए तैयार हैं. यह अभी भी बरकरार है. प्रह्लाद जोशी ने बताया कि विपक्ष ने मांग की है कि लोकसभा में बिल के अतिरिक्त बातचीत हो, इसके लिए भी सरकार सहमत है.

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