खुशहाली,सुख-समृद्धि के लिए करें रामचरितमानस की इन पांच चौपाइयों का जाप

हम सभी ने बचपन से हमने घरों में रामचरित मानस का पाठ पढ़ा और सुना है। जी दरअसल सनातन धर्म का ये महाग्रंथ है जो हमें जीवन जीने का मार्ग दिखता है। आपको बता दें कि कई विद्वान और कथा वाचकों का यह कहना है कि रामचरित मानस का पाठ करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। केवल यही नहीं बल्कि इसके अलावा भी रामचरित मानस का पाठ करने के कई फायदे होते हैं। कहा जाता है इस महा ग्रंथ की पांच चौपाइयों का रोजाना पाठ करने या श्रद्धापूवर्क जाप करने जीवन में कभी दरिद्रता नहीं आती। इसका मतलब है ये चौपाइयां घर परिवार में खुशहाली लाने के लिए मंत्र का काम करती हैं। अब हम आपको बताते हैं अयोध्या कांड की इन चौपाइयों के बारे में।

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चौपाई 1- जब तें रामु ब्याहि घर आए। नित नव मंगल मोद बधाए।। भुवन चारिदस भूधर भारी। सुकृत मेघ बरषहि सुख बारी।।

चौपाई 2- रिधि सिधि संपति नदीं सुहाई। उमगि अवध अंबुधि कहुँ आई।। मनिगन पुर नर नारि सुजाती। सुचि अमोल सुंदर सब भाँती।।

चौपाई 3- कहि न जाइ कछु नगर बिभूती। जनु एतनिअ बिरंचि करतूती।। सब बिधि सब पुर लोग सुखारी। रामचंद मुख चंदु निहारी।।

चौपाई 4- मुदित मातु सब सखीं सहेली। फलित बिलोकि मनोरथ बेली।। राम रूपु गुन सीलु सुभाऊ। प्रमुदित होइ देखि सुनि राऊ।।

चौपाई 5- एक समय सब सहित समाजा। राजसभाँ रघुराजु बिराजा।। सकल सुकृत मूरति नरनाहू। राम सुजसु सुनि अतिहि उछाहू।।

कहा जाता है इन चौपाइयों के पाठ से लोगों को बहुत सुख-शान्ति मिलती है और घर में सुख-समृद्धि आती है। इसके अलावा सभी काम बनते चले जाते हैं।

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