झांसी के मंडलायुक्त स्वयं साफ़ करते है अपना दफ्तर, 10 मिनट पहले निकलते है अपने घर से

झांसी के मण्डलायुक्त अपने कक्ष की साफ-सफाई स्वयं कर रहे है। भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी डॉक्टर अजय शंकर पाण्डेय का अपने कक्ष की खुद सफाई करना चर्चा का विषय बन चुका है। मंडलायुक्त के कक्ष के बाहर बोर्ड भी लगा है जिसपर लिखा है कि इस कक्ष की सफाई मैं खुद करता हूं इसलिए इसे गंदा करके अनावश्यक रूप से मेरे काम के बोझ को न बढ़ाएं।

कहा जाता है कि झांसी के मंडलायुक्त डॉक्टर पाण्डेय वक़्त से 10 मिनट पहले पहुंचते हैं और सबसे पहले अपने कक्ष में खुद झाड़ू लगाते हैं। अपने कक्ष की खुद साफ-सफाई करके ही वे शासकीय कार्य की शुरुआत करते हैं। वे आगंतुकों से भी साफ-सफाई रखने का अनुरोध करते हैं। उनके कक्ष के बाहर लगे बोर्ड पर यह अनुरोध किया जा चुका है कि इसे गंदा करके अनावश्यक रूप से काम का बोझ ना बढ़ाएं।

दिनचर्या का रहा है अंग: झांसी के मंडलायुक्त डॉक्टर पाण्डेय अपने कक्ष की सफाई करते हैं, यह उनके लिए कोई नई शुरुआत नहीं होने वाली है। कहा जाता है कि नौकरी की शुरुआत से ही यह उनकी दिनचर्या का अंग रहा है। डॉक्टर पाण्डेय जहां कहीं भी तैनात रहे, वे अपने कक्ष की सफाई खुद करते रहे हैं। उनके इस कार्य का असर अधीनस्थ अधिकारियों और कर्मचारियों पर भी पड़ा है। डॉक्टर पाण्डेय की तैनाती वाले कई जिलों में अधिकारियों और कर्मचारियों पर जिसका इतना गहरा प्रभाव पड़ा था कि वे अपने-अपने बैठने के स्थान की खुद साफ-सफाई करना शुरू कर दिया है।

एसएसपी ने भी की थी अनूठी पहल: डॉक्टर पांडेय से पहले झांसी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) रहे शिव हरि मीणा ने भी एक अनूठी पहल की थी। मीणा ने ऑफिस का मोह छोड़कर टेंट में बैठकर फरियादियों  की परेशानी सुनने का नियम बना दिया था। अधिकारियों की बदलती कार्य शैली से जनता में एक पॉजिटिव संदेश जा रहा है। साथ ही लोगों को भी वरिष्ठ अधिकारियों तक अपनी बात पहुंचाने में झिझक नहीं हो रही।

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