भूजल को लेकर हरियाणा की सियासत में मचा बवाल, विपक्ष ने किया बड़ा हमला

कुछ जिलों में शिवालिक क्षेत्रों के भूजल को बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू की गई दादुपुर नलवी नहर विधानसभा में फिर से सियासत का केंद्र बनी. 2018 में जिस प्रोजेक्ट को डिनोटिफाई कर हरियाणा सरकार पीछे हट चुकी है.

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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि सिंचाई विभाग की एक आरटीआई के बूते विपक्ष ने सरकार को कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की. ये आरटीआई इस प्रोजेक्ट को डिनोटिफाई करने से ठीक पहले की है. उधर,  इनेलो व कांग्रेस के विधायक दादुपुर नलवी नहर के मुद्दे पर सरकार को लगातार निशाने पर लिए हुए हैं। मगर सरकार फैसले पर अडिग है.

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एक व्यक्ति जिस का नाम कश्मीर सिंह था. उसने सिंचाई विभाग के अधीनस्थ जल सेवाएं मंडल दादुपुर विंग से पूछा था कि डार्क जोन की क्या परिभाषा होती है और उनके जिला यमुनानगर के जिन हिस्सों से दादुपुर नलवी नहर गुजर रही है और जहां तक अभी बन चुकी है, वहां नहर से सटे गांवों में भूजल की क्या स्थिति है.इस पर जल सेवाएं मंडल दादुपुर के कार्यकारी अभियंता ने कश्मीर सिंह को आरटीआई का जवाब देते हुए बताया कि जहां भूजल काफी नीचे चला जाता है और पानी की बहुत ही कम मात्रा शेष रह गई हो उस क्षेत्र को डार्क जोन कहा जाता है. दूसरे जवाब में एक्सईएन ने बताया कि दादुपुर नलवी नहर के चलने से इस कार्यालय द्वारा बनाए गए भाग किमी 11-587 से 19-155 किमी तक गांव गुलाब नगर, भटौली, हरिपुर जट्टान, कैल, खेडा, सुडैल इत्यादि गांवों के भूजल में सुधार हुआ है और यहां भूजल नीचे गिरने से बचा है.

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