अधर में लटका रक्षा मंत्रालय का प्रोजेक्ट, इंडियन नेवी के लिए बनाए जाने थे 111 हेलीकाप्टर

नई दिल्ली: ऐसे समय में जब देश को आत्मनिर्भर भारत का मंत्र दिया जा रहा है, इंडियन नेवी का 111 हेलिकॉप्टर्स का सौदा प्रभावित हो रहा है. इन एयरक्राफ्ट्स को दूसरे देशों के साथ रणनीतिक साझेदारी के तहत अपने ही देश में निर्मित किया जाना था. दरअसल, रक्षा मंत्रालय में इस बात की सहमति नहीं बन पा रही है कि घरेलू निर्माण की जिम्मेदारी निजी कंपनियों को दी जाएगी या सरकारी कंपनियों को. असमंजस की स्थिति के चलते यह सौदा प्रभावित हो रहा है.

सूत्रों के अनुसार , इंडियन नेवी पहले ही चार भारतीय और तीन विदेशी कंपनियों का चयन कर चुकी थी, लेकिन हाल ही में हुई बातचीत में बताया गया कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिस्क लिमिटेड (HAL) के चलते भी देरी हो रही है. अब यह भी कहा जा रहा है कि डिफेंस पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग ने इसके लिए मंजूरी दे दी है. 

सूत्रों के अनुसार, इंडियन नेवी की सिफारिशों के बाद भी एक फैसला लिया गया है कि बिना डीपीएसयू के प्राइवेट कंपनियों की भागीदारी निर्धारित की जाएगी. HAL की भागीदारी की स्थिति संशय में होने के कारण नेवल यूटिलिटी अस्पतालों के अधिग्रहण में देरी हो रही है. एक अधिकारी ने कहा कि 21,000 करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट की आवश्यकता नेवी की ताकत बढ़ाने के लिए है. इन स्वदेशी हेलिकॉप्टरों को मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट के तहत तैयार किया जाना है.

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