'30 साल कांग्रेस को दिए लेकिन...', सिद्धू ने नाम सन्देश भेज पार्टी महासचिव ने की ख़ुदकुशी

अमृतसर: पंजाब के लुधियाना जिले के दाखा विधानसभा के जंगपुर गाँव में गुरुवार (जुलाई 29, 2021) को कांग्रेस महासचिव हैप्पी बाजवा/दिलजीत सिंह ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। ख़ुदकुशी से पहले उन्होंने कांग्रेस पंजाब अध्यक्ष नवजोत सिंह सिंद्धू को अपना 10 मिनट का ऑडियो संदेश भेजा है। बाजवा ने इसमें बताया कि किस तरह वह बीते 30 वर्षों से कांग्रेस पार्टी के साथ जुड़े हुए हैं, किन्तु उन्हें और उनके घरवालों को कभी इसका फायदा नहीं मिला, जबकि पार्टी के लिए काम करने पर उनके ख़िलाफ़ मुक़दमे होते रहे। 

ऑडियो के अनुसार, किसी प्लॉट संबंधी एक मामले में उन्हें फँसाने की कोशिश चल रही थी, इसी से आहत होकर उन्होंने ख़ुदकुशी का फैसला किया। बाजवा ने अपनी ऑडियो में सिद्धू से आग्रह किया है कि उनके जाने के बाद सिद्धू उनके परिवार को संभाल लें। अपनी मौत के लिए उन्होंने तीन लोगों को जिम्मेदार बताया है। इनमें से दो को पुलिस अरेस्ट कर चुकी है, जिनकी शिनाख्त प्रीतम सिंह और महिंदर सिंह के रूप में हुई है। वहीं एक आरोपित बलजिंदर सिंह फरार बताया जा रहा है। ख़ुदकुशी से पहले जारी की गई बाजवा की ऑडियो से प्रदेश में हड़कंप मच गया है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि बाजवा ने पार्टी को दोषी नहीं, कहा जबकि ऑडियो कुछ और ही कहानी सुना रहा है। वहीं सिद्धू भी घटना की सूचना पाते ही कार्यकर्ता के घर पर पहुँच गए।

पीड़ित परिवार के साथ शोक प्रकट करते हुए सिद्धू ने कहा कि वह हमेशा इस परिवार के साथ चट्टान की तरह मजबूती से खड़े रहेंगे। पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से पीड़ित परिवार को दस लाख रुपए दिए जाएँगे। इस मामले में जितने भी आरोपित हैं, किसी को नहीं बख्शा जाएगा।

ऑडियो में क्या है :- दरअसल, हैप्पी बाजवा कांग्रेस के स्पोर्टस एंड कल्चरल सेल देहाती के जिला अध्यक्ष थे। उन्होंने ख़ुदकुशी करने से पहले पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह को जो ऑडियो भेजी, उसमें उन्होंने कहा कि वह तीस वर्षों तक कांग्रेस से जुड़े रहे, किन्तु अभी तक अपने परिवार को दाल आटा योजना का फायदा तक नहीं दिला सके। इसके अलावा कांग्रेस के लिए काम करते हुए उन पर कई मामले दर्ज हुए, 4 वर्षों के शासन में उन्हें कोई फायदा नहीं हुआ है। बाजवा ने कहा कि वह हरियाणा, हिमाचल, गुजरात समेत कई राज्यों में कांग्रेस के लिए प्रचार कर चुके हैं। पार्टी प्रचार के लिए उन्हें 6 माह तक घर से दूर रहना पड़ता था। इसलिए उन्होंने शादी भी नहीं की। इस दौरान उनके खिलाफ विरोधी पार्टियों ने कई झूठे केस दर्ज करवाए और अब एक प्लॉट, जो उन्होंने कुछ समय पहले ख़रीदा था, उसको लेकर चल रहे विवाद में उन पर फिर से केस दर्ज करने की तैयारी है। इसलिए इन सबसे तंग आकर वह ख़ुदकुशी कर रहे हैं। वह बताते हैं कि इन सबके लिए गाँव के ही प्रीतम सिंह, उसका भतीजा बलजिंदर सिंह और पंच महिंदर सिंह जिम्मेदार है।

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