कांग्रेस का आरोप- बंगाल की निर्वाचित सरकार को अपदस्थ करना चाहता है केंद्र

नई दिल्ली: कांग्रेस ने केंद्र सरकार की तरफ से पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय को वापस बुलाए जाने को लोकतंत्र और सहकारी संघवाद पर हमला बताते हुए शनिवार को कहा कि ऐसे कदम से अराजकता पैदा होगी. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह भी पुछा कि बंदोपाध्याय को तीन माह का सेवा विस्तार देने के चार दिनों बाद ही वापस बुलाने का फैसला क्यों किया गया?

उन्होंने एक बयान में कहा कि, ''मोदी सरकार की तरफ से पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को दुर्भावनापूर्ण एवं मनमाना तरीके से वापस बुलाए जाने ने पूरे देश की चेतना को स्तब्ध कर दिया है. यह इस मायने में और भी गंभीर है कि चार दिनों पहले मोदी सरकार ने ही मुख्य सचिव को तीन माह का सेवा विस्तार दिया था.'' सुरजेवाला ने आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र का यह कदम लोकतंत्र और सहकारी संघवाद पर हमला है व ऐसे कदम से देश में अराजकता उत्पन्न होगी.

सुरजेवाला ने आगे कहा कि, ''यह देश के संविधान और सहकारी संघवाद पर घोर कुठाराघात है. यदि केंद्र सरकार को दलीय आधार पर विभिन्न राज्यों से अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों को वापस बुलाने की इजाजत दी गई, तो विधि व्यवस्था और संविधान का पूरा ढांचा ध्वस्त हो जाएगा.'' सुरजेवाला ने सवाल किया कि, ''क्या पीएम मोदी और कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग इसका खुलासा करेंगे कि मुख्य सचिव को सेवा विस्तार देने के चार दिनों के बाद ही उन्हें किस वजह से वापस बुलाया गया?'' सुरजेवाला ने दावा करते हुए कहा कि केंद्र सरकार के कदमों से ऐसा लगता है कि वह हाल ही में निर्वाचित तृणमूल कांग्रेस सरकार को अपदस्थ करना चाहती है.

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