राजू श्रीवास्तव के बाद इस मशहूर कॉमेडियन ने कहा दुनिया को अलविदा

कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव अब इस दुनिया में नहीं है और उन्ही के साथ काम कर चुके पराग कनसारा का निधन हो गया है। जी दरअसल कॉमेडी इंडस्ट्री से यह एक और दुखद और बड़ी खबर सामने आई है। जी दरअसल कॉमेडियन सुनील पाल ने बताया है कि उनके दोस्त और ‘द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज' के पहले सीजन के कंटेस्टेंट पराग कनसारा का निधन हो गया है। आपको बता दें कि सुनील पाल ने एक इमोशनल वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में सुनील पाल कहते हैं, 'दोस्तों, नमस्कार। एक और दिल दहला देने वाली खबर आई है। कॉमेडी की दुनिया से। हमारे 'लाफ्टर चैलेंज' के छठवें साथी, हमारे पराग कनसारा जी अब इस दुनिया में नहीं रहे। पराग कनसारा, कॉमेडी करते थे। पराग भाई अब इस दुनिया में नहीं रहे। क्या हो रहा है इस दुनिया में पता नहीं। किसकी नजर लग गई है। हंसाने वाले, लोगों को हंसाते थे इतना, उनके साथ, उनके परिवार के साथ न जाने क्यों ऐसा हो रहा है। एक-एक करके कॉमेडियन्स हमसे दूर जा रहे हैं।'

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इसी के साथ सुनील पाल ने आगे कहा कि, 'कुछ दिनों पहले राजू श्रीवास्तव जी हमें छोड़कर चले गए। उनका सदमा ही हम लोग अभी तक सहन नहीं कर पाए हैं। उन्हें याद करते हैं, उनकी बातों को याद करते हैं, लेकिन सच तो यह है कि अब वह हमारे बीच नहीं हैं। शरीर उनका हमारे बीच नहीं है। इनसे पहले दीपेश भान हम लोगों को हंसाते-हंसाते चले गए। अभी कुछ दिनों पहले मेरे बहुत अच्छे दोस्त, स्टैंडअप कॉमेडियन 'भाबीजी घर पर है' पर डॉक्टर बने हैं जीतू गुप्ता उनका 19 का बेटा इस दुनिया से चला गया।'

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इसी के साथ सुनील पाल ने पराग कनसारा के लिए कहा कि, 'पराग कनसारा जी ने आज सुबह 7 बजे अंतिम सांस ली। पराग कनसारा जी के साथ मेरी यादें ताजा हैं। घर जैसे संबंध हैं। उन्होंने हमेशा मुझे अपना छोटा भाई माना है। जब भी वह मुंबई आते थे तो हमारे घर आते थे। दुआएं देते थे। बहुत सारी प्रार्थनाएं करते थे। उनके साथ मैंने फिल्म भी की 'बॉम्बे टू गोवा'। सैकड़ों टीवी शोज किए हैं। हजारों लाइव शोज किए हैं। बहुत अच्छे कलाकार थे। स्टेज पर जाकर वहां की रौनक बढ़ा देते थे। मंझे हुए कलाकार थे वो। गुजराती उनकी मातृभाषा थी। जीरो से उन्होंने शुरुआत की थी। छोटे-छोटे काम करके वह आगे बढ़े थे। पार्ट टाइम जादूगर भी थे वह। सर्कस में भी उन्होंने काम किया है। बर्थडे पार्टीज में वह बच्चों को गेम खिलाते थे औ जादू करते थे। कॉमेडी भी करते थे। पराग कनसारा साहब के बहुत सारी यादें मुझे याद आ रही हैं। मैं बस यही प्रार्थना करता हूं कि उनके परिवार को शांति मिले। उनकी आत्मा को शांति मिले। मुझे यकीन नहीं हो रहा है कि पराग भाई हमारे बीच नहीं रहे हैं। मेरे लिए यह सहन कर पाना मुश्किल हो रहा है।'

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