भ्रष्टाचार मामले में अनिल देशमुख की याचिका फिर ख़ारिज, 15 महीनों से हैं जेल में

नई दिल्ली: स्पेशल CBI कोर्ट में डिफॉल्ट बेल के लिए पहुंचे महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को बड़ा झटका लगा है। अदालत ने जमानत याचिका को ठुकरा दिया है। देशमुख भ्रष्टाचार मामले में राहत की मांग लेकर कोर्ट पहुंचे थे। खास बात है कि अदालत ने मामले में दो और आरोपियों की याचिका को खारिज कर दिया है। CBI ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता को अप्रैल 2021 में अरेस्ट किया था। फिलहाल, वह न्यायिक हिरासत में हैं।

CBI के विशेष न्यायाधीश एसएच ग्वलानी ने 73 वर्षीय अनिल देशमुख की याचिका को खारिज कर दिया। उनकी ओर से पेश हुए वकील अनिकेत निकम ने कहा कि वे आदेश को देखेंगे और इसके बाद चुनौती देने के बारे में विचार करेंगे। अदालत की ओर से संजीव पलांदे (देशमुख के पूर्व निजी सचिव) और कुंदन शिंदे (देशमुख के पूर्व निजी सहयोगी) की जमानत याचिका को ठुकरा दिया है।

तीनों की ओर से कहा गया था कि CBI ने 60 दिनों के अंदर आरोपपत्र दायर नहीं किया है। इसके साथ ही यह भी कहा गया कि एजेंसी की ओर से दायर की गई चार्जशीट अधूरी थी। देशमुख, पलांदे और शिंदे की ओर से इसी आधार पर जमानत की मांग की थी। खास बात है कि CPC की धारा 173 के तहत आरोपी की गिरफ्तारी के 60 दिनों के अंदर चार्जशीट दाखिल होना आवश्यक है। ऐसे नहीं होने पर आरोपी डिफॉल्ट बेल की मांग कर सकता है।

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