'मुसलामानों का भाईचारा सिर्फ मुसलमानों के लिए, बाकी के लिए सिर्फ घृणा और शत्रुता'

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने देश में कुछ राजनीतिक दलों की तरफ से मुस्लिम-दलित गठजोड़ के प्रयास पर तीखा हमला बोला है. इसके साथ ही पार्टी ने दलितों से संविधान निर्माता बाबासाहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर की मुसलमानों के बारे में राय समझने का आग्रह किया है. भाजपा IT सेल के चीफ अमित मालवीय ने डॉ. आंबेडकर की पुस्तक 'पाकिस्तान एंड द पार्टीशन ऑफ इंडिया' के कुछ हिस्सों का हवाला देते हुए 'जय भीम-जय मीम' के नारों से दलितों को सतर्क रहने के लिए कहा है. 

अमित मालवीय ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए कहा है कि, 'ओवैसी जैसे मौकापरस्त मुसलमान नेता 'जय भीम, जय मीम' के नारे का इस्तेमाल अपनी राजनीतिक दुकान चलाने के लिए करते हैं, मगर बाबासाहेब आंबेडकर ने इस 'मुस्लिम भाईचारे' के संदर्भ में क्या कहा, ये दलित समाज को समझना होगा.'

अमित मालवीय ने बाबा साहेब आंबेडकर की पुस्तक का जो अंश साझा किया है, उसमे लिखा है कि ”इस्लाम एक बंद निकाय की तरह है, जो मुसलमानों और गैर-मुसलमानों के बीच जो भेद करता है, वह बिल्कुल मूर्त और स्पष्ट है। इस्लाम का भाईचारा मानवता का भ्रातृत्व नहीं है,  मुसलमानों का मुसलमानों से ही भाईचारा है। यह बंधुत्व है, परन्तु इसका लाभ अपने ही निकाय के लोगों तक सीमित है और जो इस निकाय से बाहर हैं, उनके लिए इसमें सिर्फ घृणा ओर शत्रुता ही है।'

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