3 साल में कश्मीर में सबसे बड़ा आतंकी हमला! शहीद हुए कर्नल-मेजर और DSP

अनंतनाग: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के कोकेरनाग के ऊंचाई वाले इलाकों में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में भारतीय सेना के कर्नल मनप्रीत सिंह, बटालियन कमांडर मेजर आशीष धोनई और जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीएसपी हुमायूं भट्ट शहीद हो गए। अनंतनाग में सर्च ऑपरेशन के चलते आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर गोली चला दी। सेना और पुलिस अब दोनों पाकिस्तानी आतंकवादियों के सफाए के लिए ऑपरेशन चला रही है, जो उनके मारे जाने तक जारी रहेगा। हालांकि मुठभेड़ में दो आतंकी मारे गए हैं। जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग तथा राजौरी में सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। पाकिस्तान से आए आतंकवादियों की तरफ से होने वाले इस दुस्साहस ने एक बार फिर याद दिलाया कि घाटी से आतंक का सफाया अभी बाकी है। बता दें कि मंगलवार और बुधवार रात खुफिया खबर प्राप्त होने के बाद इस ऑपरेशन को आरम्भ किया गया था। सेना और जम्मू कश्मीर पुलिस के ज्वाइंट ऑपरेशन शुरू करते ही आतंकवादियों ने गोलीबारी आरम्भ कर दी। दोपहर 1 बजे तक सेना के ऑफिसर के जख्मी होने की खबर आई गई थी। 

अफसर ने बताया कि पुलिस और सेना की एक संयुक्त टीम ने अनंतनाग के कोकरनाग के हलूरा गंडूल क्षेत्र में घेराबंदी कर तलाशी अभियान चलाया। जैसे ही संयुक्त टीम संदिग्ध स्थान की तरफ बढ़ी। सुरक्षाबल के अफसर  उस स्थान पर चढ़ गए, जहां 2-3 आतंकवादियों के छिपने की खबर प्राप्त हुई थी, किन्तु जैसे-जैसे वे ऊपर चढ़े, तो वहां पहले से छिपे आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर गोलीबारी आरम्भ कर दी। जिससे मुठभेड़ शुरू हो गई। गोलीबारी के चलते सेना के एक अफसर एवं एक पुलिस अफसर को गोली लग गई। आनन-फानन में हेलिकॉप्टर से एनकाउंटर में चोटिल अधिकारीयों को एयरलिफ्ट किया गया। बताया जाता है कि हमला करने वाले आतंकवादी पाकिस्तानी हैं।

कर्नल मनप्रीत सिंह कर रहे थे टीम को लीड इलाके में आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन मंगलवार शाम को शुरू हुआ था लेकिन रात के दौरान रोक दिया गया था। अधिकारियों ने बताया कि आतंकवादियों की तलाश बुधवार सुबह फिर से शुरू की गई जब जानकारी सामने आई कि उन्हें एक स्थान पर देखा गया है। कर्नल मनप्रीत सिंह ने ऑपरेशन का नेतृत्व करते हुए आतंकवादियों पर हमला बोल दिया। हालाँकि, आतंकवादियों ने जवाबी कार्रवाई में गोलीबारी की, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए।

मेजर आशीष को इसी वर्ष किया जाना था सम्मानित:- बता दें कि इसी वर्ष मेजर आशीष को सेना मेडल से सम्मानित किया जाना था। किन्तु उनके सीने पर मेडल लगता, उससे पहले ही वो शहीद हो गए। सेना के लिए कितनी बड़ी क्षति है, उसे आप भारतीय सेना के पदक्रम से समझ सकते हैं। 

सेना में ये है अफसर रैंक का क्रम:- फील्ड मार्शल जनरल लेफ्टिनेंट जनरल मेजर जनरल ब्रिगेडियर कर्नल  लेफ्टिनेंट कर्नल मेजर कैप्टन लेफ्टिनेंट

पंचकूला के रहने वाले थे कर्नल मनप्रीत सिंह जम्मू कश्मीर में शहीद हुए पंचकूला के कर्नल मनप्रीत सिंह पंचकूला के सेक्टर 26 के निवासी थे। पंचकूला स्थित उनके आवास पर उनकी धर्मपत्नी जगमीत ग्रेवाल, बहन एवं जीजा उपस्थित हैं। धर्मपत्नी जगमीत ग्रेवाल को अभी तक कर्नल मनप्रीत की शहादत की खबर नहीं दी गई है। उनकी पत्नी को अभी इतना ही बताया गया है कि वह चोटिल हुए हैं। 

मेजर आशीष धोनैक:- अनंतनाग में आतंकियों से हुई मुठभेड़ में शहीद होने वाले मेजर आशीष धोनैक हरियाण के पानीपत के रहने वाले थे। मेजर आशीष मूल रूप से गांव (पानीपत) बिंझौल के रहने वाले थे। हाल ही में मेजर आशीष का परिवार पानीपत के सेक्टर-7 में रहता है। जवान की शहादत के बाद परिवार में मातम का माहौल है। उनके घर पर पड़ोसी और रिश्तेदारों का पहुंचना शुरू हो गया है। आशीष धोनैक तीन बहनों में इकलौते भाई थे। मेजर आशीष की 2 साल पहले ही मेरठ से जम्मू में पोस्टिंग हुई थी। मेजर आशीष 2 साल की बेटी के पिता हैं।   DSP हुमायूं भट की 2 महीने की बेटी है अफसरों ने बताया कि DSP हुमायूं भट की 2 महीने की बेटी है। जम्मू-कश्मीर पुलिस के रिटायर्ड आईजी गुलाम हसन भट के बेटे हुमायूं भट को बहुत अधिक खून बहने के कारण बचाया नहीं जा सका। 

वही अनंतनाग में हमला करने वाले दोनों आतंकवादियों को सुरक्षा बलों ने घेर लिया है। दोनों पाकिस्तानी मूल के आतंकी हैं। एक द रसिस्टेंस फ्रंट का कमांडर बाशित डार है, तो दूसरा लश्कर-ए-तैय्यबा का आतंकी यूज़ेर है। जिन्हें ढेर करने के लिए भारतीय सेना ने ऑपरेशन छेड़ दिया है।

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