'बिहार का औरंगाबाद BJP को मंजूर लेकिन महाराष्ट्र के औरंगाबाद से इंकार क्यों?', इस नेता का भाजपा से सवाल

मुंबई: लोकसभा सांसद इम्तियाज जलील ने महाराष्ट्र के औरंगाबाद का नाम बदलकर छत्रपति संभाजीनगर करने को लेकर बीजेपी पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि इसी नाम का एक शहर बिहार में भी है मगर भगवा पार्टी को इससे कोई परेशानी नहीं है। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के नेता जलील ने यहां मुंबई समेत प्रदेश के चार शहरों का नाम बदलने का सुझाव दिया। केंद्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार ने महाराष्ट्र के औरंगाबाद शहर का नाम बदलकर छत्रपति संभाजीनगर एवं उस्मानाबाद शहर का नाम धाराशिव करने की अनुमति दे दी है। औरंगाबाद का नाम मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब के नाम पर रखा गया है, जबकि उस्मानाबाद का नाम हैदराबाद रियासत के 20वीं सदी के शासक के नाम पर रखा गया था।

यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए जलील ने कहा कि बिहार में औरंगाबाद नाम का ही एक शहर है तथा वहां के लोकसभा सांसद बीजेपी के हैं। यदि भाजपा उस औरंगाबाद (बिहार में) के साथ ठीक है, तो उन्हें महाराष्ट्र के औरंगाबाद से परेशानी क्यों है?"  जलील ने कहा कि औरंगाबाद के लोग शहर का नाम बदलने के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा, "हम औरंगाबाद के लोगों के साथ इस मुद्दे पर बातचीत करेंगे तथा एक आंदोलन की योजना बनाएंगे।"

पत्रकार से राजनेता बने जलील ने कहा कि केंद्र द्वारा औरंगाबाद का नाम बदलने की अनुमति दिए जाने के तुरंत बाद उन्होंने आंदोलन करने की योजना बनाई थी, लेकिन शहर में एक जी20 कार्यक्रम के मद्देनजर उन्हें ऐसा करने से मना लिया गया है। जलील ने कहा- "मैं औरंगाबाद का नाम बदलकर छत्रपति संभाजीनगर करने की अधिसूचना जारी होने के तुरंत पश्चात् आंदोलन करने जा रहा था। किन्तु केंद्रीय मंत्री भागवत कराड, पुलिस आयुक्त (निखिल गुप्ता) और राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मुझे फोन किया तथा कहा कि G20 के दौरान आंदोलन आरम्भ न करें। तब 27-28 फरवरी को शहर में जी20 की बैठक चल रही थी।"

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