बार-बार होता है एक्सीडेंट तो ये ग्रह हो सकते हैं कारण, जानिए कैसे बचें?

ज्योतिष शास्त्र में दुर्घटनाओं के बारे में बताया गया है। जी दरअसल दुर्घटनाओं के संबंध में अनेक ग्रह स्थितियों के बारे में वर्णन मिलता है, जिन लोगों की कुंडली में ये स्थिति बनती है उनके साथ लगातार दुर्घटनाएं होती रहती हैं। हालाँकि कुछ ज्योतिषिय उपाय कर कुंडली के इन अशुभ योगों के प्रभाव को कम किया जा सकता है। आप सभी को हम वही उपाय बताने जा रहे है।

* चर लग्न और चर राशियों वाले लोगों को चोट लगने की आशंका अधिक होती है। जी हाँ, आपको बता दें कि चर लग्न और चर राशियां मेष, कर्क, तुला और मकर होती हैं। ऐसे में जिन लोगों का लग्न या राशि मेष, कर्क, तुला या मकर होती है उन्हें बार-बार चोट लगती रहती है।

* लग्न या द्वितीय भाव में राहु-मंगल की युति होने पर लोगों को बार-बार दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ता है। जी हाँ और ऐसे लोगों को घर में बैठे-बैठे भी चोट लग जाती है। 

* लग्न में शनि हो और अन्य कोई शुभ ग्रह केंद्र स्थान में न हो तो लोगों को ऊंची जगह से गिरने के कारण चोट लगती है। लग्न में मंगल हो तो लोग को सिर और मस्तिष्क पर घाव लगने का डर रहता है। वहीं चंद्रमा से केंद्र या त्रिकोण का मंगल हो तो लोगों की वाहन या यात्रा में दुर्घटना होती है।

* पंचम भाव में शनि-सूर्य या शनि-मंगल की युति होने पर हाथापाई, विवाद, मारपीट के दौरान जातक घायल होता है। वहीं और भी कई ग्रह स्थितियां होती हैं जो जातक को चोट लगने की ओर संकेत करती हैं। 

उपाय-

* कहा जाता है कुंडली में जो ग्रह अशुभ योग बना रहे हैं, उनसे संबंधित स्टोन यानि रत्न धारण करना चाहिए हालाँकि इसके पहले किसी अनुभवी ज्योतिषी से सलाह लेना जरुरी है। 

* ग्रहों से संबंधित मंत्रों का जाप करने से भी ग्रहों के उग्र स्वरूप को शांत किया जा सकता है।

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