'वो पत्थर फेंकते रहें, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई न हो..', क्या यही चाहते हैं असदुद्दीन ओवैसी ?

हैदराबाद: मध्य प्रदेश के खरगोन में रामनवमी के जुलूस के दौरान भड़की हिंसा पर सियासी बयानबाजी शुरू हो गई है. ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने घटना को लेकर मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान पर हमला बोला है. ओवैसी ने कहा कि मध्य प्रदेश में कानून के शासन पर भीड़तंत्र हावी हो चुका है. 

ओवैसी ने आगे कहा कि भले ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की विचारधारा मस्जिदों को नापाक करने और बुजुर्गों पर हमले को जायज़ ठहराती हो, मगर उन्हें नहीं भूलना चाहिए कि वे संवैधानिक पद पर बैठे हैं. जनता की जान-माल की सुरक्षा उनकी जिम्मेदारी है. ओवैसी ने कहा कि सत्ता के नशे में गरीबों के आशियाने उजाड़े जा रहे हैं. उन्हें याद रखना चाहिए कि आज उनकी सरकार है, कल नहीं रहेगी. उल्लेखनीय है कि, 10 अप्रैल को राम नवमी के अवसर पर खरगोन में शोभायात्रा निकाली गई थी. इस यात्रा के दौरान समुदाय विशेष के लोगों ने जुलुस पर पथराव किया था, जिसके बाद पूरे क्षेत्र में हिंसा भड़क उठी थी. 

हिंसा के दौरान उपद्रवियों ने पेट्रोल बम भी फेंके थे. इस पूरे घटनाक्रम में आम जनता सहित 20 पुलिसकर्मी जख्मी हो गए थे. जिसके बाद शिवराज सरकार ने कार्रवाई करते हुए पत्थरबाजों और उपद्रवियों के घर ढहा दिए थे. इसी कार्रवाई से ओवैसी को बुरा लगा है. शायद वे यह चाहते हैं कि, पत्थरबाज पत्थर फेंकते रहें, उपद्रव मचाते रहें, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई न हो ?

 

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