नई दिल्ली: इंदौर जिसे शानदार पुरातात्विक ईमारतों, छतरियों और रियासतकाल में मराठा सरदारों की राजधानियों के लिए पहचाना जाता है। आज भी इंदौर का राजबाड़ा इंदौर में आने वालों को बहुत आकर्षित करता है। मगर होल्कर राजवंश में यदि किसी को सबसे अधिक लोकप्रियता मिली है तो वह हैं अहिल्याबाई होल्कर। वे मल्हारराव होल्कर के पुत्र खंडेराव होल्कर की पत्नी थीं। वे किसी भी बड़े राज्य की रानी नहीं थीं। मगर उन्होंने अपने राज्यकाल में जो भी कार्य किए वे बेहद प्रेरक और आश्चर्य में डालने वाले थे। उन्हें शास्त्रों की जानकारी तो थी ही मगर साथ ही वे एक बहादुर यौद्धा थीं। तीरंदाजी में तो उन्हें महारत हासिल थी। उन्होंने कई युद्धों में सेना का नेतृत्व किया। वे हाथी पर सवार होकर वीरता के साथ लड़ती रहीं। अहिल्याबाई का जन्म 31 मई 1725 में हुआ था। अहिल्याबाई के पिता मानकोजी शिंदे मामूली मगर संस्कार वान व्यक्ति थे। उनका विवाह इंदौर के संस्थापक महाराज मल्हार राव होल्कर के पुत्र खंडेराव से संपन्न हुआ। 1745 में अहिल्याबाई को एक पुत्र हुआ था जबकि तीन वर्ष बाद उन्हें एक कन्या हुई थी। लड़के का नाम मालेराव था और कन्या का नाम मुक्ताबाई रखा गया। खण्डेराव एक शानदार सिपाही थे। मगर खंडेराव का निधन 1754 में हो गया। मल्हार राव होल्कर के निधन के बाद महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने राज- काज का कार्य संभाला। रानी अहिल्याबाई ने 1795 में अपनी मृत्यु के दौरान बड़ी कुशलता से राज्य का प्रबंधन किया। देवी अहिल्याबाई की गणना एक कुशल प्रबंधक के तौर पर होती है। उन्होंने राज्य का शासन चलाया। देवी अहिल्याबाई होल्कर ने भारत के विभिन्न क्षेत्रों में मंदिरों, धर्मशालाओं और अन्नक्षेत्रों का निर्माण करवाया। कलकत्ता से बनारस के लिए उन्होंने सड़कों का निर्माण भी करवाया। उन्होंने मां अन्नपूर्णा का मंदिर निर्मित करवाया। उन्होंने कई स्थानों पर नदी के किनारों पर घाट बनवाए। वे शिव की अनन्य भक्त थीं। उन्होंने महेश्वर के घाटों का निर्माण भी करवाया। वे काशी, गया, सोमनाथ, अयोध्या, मथुरा, हरिद्वार, द्वारिका, बद्रीनारायण, रामेश्वर, जगन्नाथ पुरी आदि क्षेत्रों में पहुंची और वहां पर लोगों की सुविधा के लिए कई कार्य किए। उन्होंने काशी विश्वनाथ मंदिर का निर्माण भी करवाया। वे मल्हारराव के भाईयों में तुकोजीराव होल्कर बड़े विश्वासपात्र थे। मल्हारराव ने उन्हें हमेशा अपने साथ रखा। उन्हें राजकाज के लिए तैयार कर लिया गया। अहिल्याबाई होल्कर ने उन्हें अपना सेनापति नियुक्त कर दिया और वसूल करने का कार्य भी उन्हें सौंप दिया। आयु में तुकोजीराव होल्कर अहिल्याबाई से बड़े थे। तुकोजी उन्हें अपनी माता की ही तरह मानते थे। उन्होंने राज्य का कार्य पूर्ण लगन व सच्चाई के साथ संभाला। उन्होंने तुकोजीराव को अपने पुत्र का स्थान दे रखा था। Koo App महान वीरांगना महारानी अहिल्याबाई होल्कर जी की जयंती पर उन्हें कोटिश: नमन! #AhilyabaiHolkarJayanti #IndoreGauravDiwas #31May #इंदौरगौरव_दिवस #ahilyabaiholkar #Indore View attached media content - MP MyGov (@mpmygov) 31 May 2022 Koo App ’संपति सब रघुपति कै आही’ के ध्येय वाक्य को आत्मसात कर आजीवन जनसेवा करने वाली लोकमाता, श्रद्धेय अहिल्याबाई होल्कर जी की जयंती पर कोटिश: नमन करता हूं! विनम्रता के साथ सेवा का आपने जो मंगलकारी मंत्र दिया है, उसके आलोक में हम सब इस पवित्र ध्येय को पूर्ण करने के लिए संकल्पित हैं। #AhilyabaiHolkar View attached media content - Shivraj Singh Chouhan (@chouhanshivraj) 31 May 2022 Koo App भारत की महान वीरांगना मालवा की शासिका एवं नारी सशक्तिकरण की प्रतीक राजमाता अहिल्याबाई होल्कर की जयंती पर उन्हें कोटिशः नमन। View attached media content - BJP MadhyaPradesh (@BJP4MP) 31 May 2022 Koo App मराठा साम्राज्य की प्रसिद्ध शासक, नारी शक्ति की प्रतीक, कुशल योद्धा, वीरांगना महारानी अहिल्याबाई होल्कर जी की जयंती पर सादर नमन। भारत भर में जनकल्याणकारी कार्य करवाने से लेकर युद्ध क्षेत्र में शौर्य प्रदर्शन कर अहिल्याबाई जी ने नारी सशक्तिकरण की जो मिसाल दी, वह हमेशा प्रेरणादायी रहेगी। #AhilyabaiHolkar View attached media content - Dr.Narottam Mishra (@drnarottammisra) 31 May 2022 Koo App मेरे #इंदौर व #मालवा की प्रतिष्ठित पहचान, हमारे संस्कारों-संस्कृति का प्रतिबिंब, माता #अहिल्याबाईहोल्कर की 297वीं जयंती पर कोटि-कोटि नमन. न्याय व सुशासन को सार्थक करने वाली, आपकी नीतियां अविस्मरणीय बनी रहेंगी. आपकी धर्मपरायणता भी पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी. हर-हर महादेव.. View attached media content - Jitu Patwari (@jitupatwari) 31 May 2022 Koo App प्रकृति की अनमोल कृति है मनुष्य जीवन, इसे किसी नशे से नष्ट न होने दें । धूम्रपान निषेध दिवस पर संकल्प लें कि इससे मुक्त होकर जीवन को खुशहाल बनाएंगे । #WorldNoTobaccoDay #विश्वधूम्रपाननिषेधदिवस View attached media content - इन्दरसिंह परमार (@Inder_Singh_Parmar) 31 May 2022 यूपी में टीले की खुदाई के दौरान मिली 1200 वर्ष पुरानी भगवन विष्णु की दुर्लभ प्रतिमा, दर्शन को उमड़ी भीड़ एनएचए ने आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के लिए ऑनलाइन डैशबोर्ड का अनावरण किया शादी में 'फोटोग्राफर' नहीं लाया वर पक्ष, तो दुल्हन ने वापस लौटा दी पूरी बारात.. जानें पूरा मामला