लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले बजट को आंकड़ों का मकड़जाल करार दिया है। बजट पेश होने के बाद मीडिया से बात करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि यह बजट नहीं बल्कि बंटवारा है। अखिलेश यादव ने कहा कि विकास केवल आंकड़ों में घूम रहा है, जबकि हकीकत यह है कि युवा बेरोजगार है और महंगाई चरम पर है। Koo App आज भारतीय जनता पार्टी के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट सत्र था। जनता को बहुत उम्मीदें थी, पर अपने चाल, चरित्र, चेहरे के अनुरूप भाजपा ने गरीब विरोधी, मध्यमवर्ग विरोधी बजट प्रस्तुत किया है। सिर्फ आंकड़ों का मकड़जाल, जनता के हित में कोई भी बजट का हिस्सा दिखाई नहीं पड़ रहा है। यहां तक कि अपने खुद के मेनिफेस्टो में किए गए वादों के लिए बजट का आवंटन नहीं हुआ है। किसान, युवा, शिक्षा व स्वास्थ्य की पूरी तरीके से अवहेलना हुई है - Rohit agarwal (@rohitagarwal85) 26 May 2022 वहीं, राष्ट्रीय लोक दल (RLD) नेता रोहित अग्रवाल ने भी बजट को लेकर राज्य की योगी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने स्वदेशी सोशल मीडिया प्लेटफार्म Koo पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि, आज भारतीय जनता पार्टी के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट सत्र था। जनता को बहुत उम्मीदें थी, पर अपने चाल, चरित्र, चेहरे के अनुरूप भाजपा ने गरीब विरोधी, मध्यमवर्ग विरोधी बजट प्रस्तुत किया है। सिर्फ आंकड़ों का मकड़जाल, जनता के हित में कोई भी बजट का हिस्सा दिखाई नहीं पड़ रहा है। यहां तक कि अपने खुद के मेनिफेस्टो में किए गए वादों के लिए बजट का आवंटन नहीं हुआ है। किसान, युवा, शिक्षा व स्वास्थ्य की पूरी तरीके से अवहेलना हुई है। अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि महंगाई चरम पर है। युवा बेरोजगार घूम रहा है। बच्चों की पढ़ाई बर्बाद हो गई। केवल आंकड़ों में विकास का मकड़जाल दिखाया जा रहा है। सपा प्रमुख ने सवाल किया कि 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने की बात कही गई थी। हम 2022 में हैं। उस वादे का क्या हुआ? महंगाई चरम पर है। प्रथमिक शिक्षा चरमरा गई है। अखिलेश यादव ने कहा कि इस सरकार ने बीते पांच वर्षों में जो घोषणा पत्र जारी किया था उसमें कहा गया था कि 2022 में किसानों की आमदनी दोगुनी जाएगी। आज हम 2022 में हैं। क्या सरकार बताएगी कि हमारे किसानों की आय दोगुनी होने की जो बात कही गई थी उसका क्या हुआ ? अखिलेश बोले कि, महंगाई निरंतर बढ़ रही है। जो कीमत दालों की है, तेल की है, पेट्रोल-डीजल, सीमेंट और स्टील की है। इनके बजट से गांव में उदासी है। हमारा नौजवान, जो उम्मीद लगाकर बैठा था कि नौकरी और रोजगार मिलेगा। आंकड़ों में तो दिखता है कि नौकरी और रोजगार है, मगर धरातल पर नौजवान बेरोजगार है। जो गरीब है, जिनसे वादा किया था गेहूं, चावल, चना और तेल मिलेगा। यदि आंकड़े देखें तो सरकार करोड़ों लोगों को अनाज देने की बात कर रही है। क्या सरकार इस योजना को आगे भी चलाएगी या नहीं। जामा मस्जिद को लेकर सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने दिया बड़ा बयान, बोली- 'हर हिंदू को आगे आना चाहिए और...' 'भारत जोड़ो‌' की जगह निकाले 'कांग्रेस जोड़ो यात्रा...', राहुल गांधी को नरोत्तम मिश्रा ने दी सलाह कपिल सिब्बल के जाने से डरी कांग्रेस, कोई और छोड़कर न जाए इसलिए बनाया ये प्लान