हिंदूओं पर बयानबाजी से अजमेर शरीफ के व्यापार में आई गिरावट, लगाने पड़े पोस्टर

अजमेर। ईद का त्यौहार मुस्लिम समुदाय के लिए उमीद्दो का त्यौहार माना जाता है। पूरा समाज इस त्यौहार को मनाने के लिए कई दिनों से इन्तजार करता है। लेकिन इस बार अजमेर समेत कई स्थानों पर ईद की रौनक कम ही दिखाई दी, अगर कोरोना काल को छोड़ पिछले वर्षो की बात करे तो अजमेर में ईद पर पैर रखने तक की जगह नहीं रहती थी। लेकिन इस साल उदयपुर समेत कई स्थानों पर घटी साम्प्रदायिक घटनाओ को देखते हुए अजमेर शरीफ पर जाने से लोगो ने मुँह मोड़ लिया, जिसका हर्जाना दरगाह के चारो और मौजूद व्यापारी समेत फुटकर कामकाजी को उठाना पड़ा।

आपको बता दें की कुछ दिन पहले दरगाह के खादिमो के विवादित बयान के बाद दरगाह आने वाले लोगो में कमी देखि गई थी। जिसके बाद व्यापर पर भी बुरा असर दिखाई दिया, अनुमान लगाया जा रहा है की इस साल व्यापारी वर्ग को लगभग 50 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ा, इसके अंतर्गत कई होटल मालिक और अन्य व्यापारी शामिल है।

भारी नुकसान को देखते हुए पुरे मस्जिद परिसर और आसपास के क्षेत्रो में एक पोस्टर जारी कर दिया गया है। जो सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हो रहा है, पोस्टर में अपील करते हुए कहा गया है की दरगाह परिसर में कोई भी ऐसा भाषण, बयान या टिपण्णी न करे जो ख्वाजा गरीब नवाज की शिक्षाओं के खिलाफ हो या किसी की धार्मिक भावनाओ को ठेस पहुंचाए। ऐसा किये जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी आपको बता दें की दरगाह परिसर और दरगाह के खादिमो द्वारा लगातार धार्मिक भावनाएं आहात करने की खबरे सामने आ रही थी। जिसके बाद सनातन धर्म के लोगो में भारी आक्रोश देखा जा रहा था, जिसका खामियाजा स्थानीय व्यापारी और व्यवसाय करने वाले लोगो को भुगतना पड़ा।

जानकारी के अनुसार अजमेर जाने वालों में हिंदू धर्म के लोगो की संख्या बहुत अधिक है और इसका असर अजमेर में दिखाई भी पडता है। लेकिन कई बार यहां के स्थानीय मौलवी इस बात को भूल जाते है और अनर्गल बयान बाजी  करते हैं। वहीं एक ओर उदयपुर में घटी हिंसक घटना के कारण भी हिन्दू समाज नाराज है, कन्हैया लाल की मौत के बाद हिन्दू के मन में इनके प्रति भावनाओ में परिवर्तन आया है।

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