मिजोरम में 25-34 आयु वर्ग के युवाओं में तेजी से बढ़ रहा है एड्स

आइजोल: मिजोरम स्टेट डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक्स एंड स्टैटिस्टिक्स द्वारा सोमवार को जारी हैंडबुक 2020 के अनुसार, 2019-2020 के दौरान 51,691 रक्त के नमूनों का परीक्षण किया गया, जिसमें 2,339 लोगों में एड्स का पता चला। 2018-19 में 65,615 नमूनों में 2,237 लोग एचआईवी पॉजिटिव पाए गए और 716 लोगों की इस बीमारी से मौत हुई। वित्तीय वर्ष 2019-2020 के दौरान मिजोरम में एड्स से जटिलताओं के कारण कम से कम 443 लोगों की मौत हो गई।

राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (NACO) के अनुसार, मिजोरम को देश में सबसे अधिक एड्स-प्रचलित राज्य होने का संदिग्ध गौरव प्राप्त है, इसकी कुल जनसंख्या 10.91 लाख (2011 की जनगणना) का 2.32 प्रतिशत संक्रमित है। मिजोरम ने अक्टूबर 1990 में अपना पहला एचआईवी पॉजिटिव मामला दर्ज किया। मिजोरम स्टेट एड्स कंट्रोल सोसाइटी (MSACS) के अनुसार, अक्टूबर 1990 से सितंबर 2020 तक 1,972 गर्भवती महिलाओं सहित 23,092 लोगों में एड्स का पता चला और 2,877 लोगों की इस बीमारी से मृत्यु हो गई।

राज्य में एचआईवी पॉजिटिव मामलों में से 78 प्रतिशत से अधिक यौन संचारित थे, जबकि लगभग 20 प्रतिशत मामले अंतःशिरा दवा उपयोगकर्ताओं द्वारा सुई साझा करने के माध्यम से प्रेषित किए गए थे। MSACS के अनुसार, यह अनुमान है कि अमेरिका में मिजोरम में प्रति 1,000 लोगों पर लगभग 1.19 लोग एड्स से पीड़ित हैं। एड्स की घटनाओं की दर 25-34 आयु वर्ग के युवाओं में सबसे अधिक थी, जिसे 42.59 प्रतिशत टैग किया गया था, इसके बाद 35-49 आयु वर्ग के लोगों में 26.49 प्रतिशत था।

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