हाथी की मौत होते ही बुरा हुआ लोगों का हाल, डरकर करने लगे पूजा

रांची: झारखंड से एक दर्दनाक घटना सामने आ रही है यहाँ डिम्बूजर्दा पंचायत के एक धान के खेत में करंट लगने से एक हाथी की जान चली गई। घटना बृहस्पतिवार की रात तकरीबन 12 बजे की है। प्राप्त हुई खबर के मुताबिक, हाथियों का झुंड कई दिनों से गांव के आसपास डेरा जमाए हुए था। बृहस्पतिवार की रात तकरीबन 11 बजे तीन हाथियों के झुंड ने एक घर का दरवाजा तोड़ दिया। 

तत्पश्चात, देर रात भ्रमण के चलते हाथी डोमन महतो के खेत में धान की फसल खाने पहुंचे, जहां खेत के बीच में झूल रहे 11 हजार वोल्ट बिजली के तार की चपेट में एक हाथी आ गया। बिजली विभाग की लापरवाही से बिजली का तार जमीन से बस 8 फीट की ऊंचाई पर झूल रहा है। ग्रामीणों ने हाथी के मौत की सूचना सुबह वन विभाग को दी। वन विभाग की टीम रेंजर अमरनाथ भगत के नेतृत्व में घटनास्थल पर पहुंची तथा हाथी के शव को कब्जे में ले लिया।

वही रांची से आए पशु चिकित्सक ने शव का पोस्टमार्टम किया। वहीं हाथी के विसरा को सुरक्षित रख लिया गया। हाथी का दांत वन विभाग के अफसरों ने अपने पास रख लिया है। फिर JCB की सहायता से बगल में गड्ढा खोदकर देर शाम तक हाथी का शव दफनाया गया। मौके पर खूंटी वनक्षेत्र के उप वन संरक्षक कुलदीप मीणा समेत बहुत आँकड़े में गांव के लोग उपस्थित थे। बोरवाडीह-चोगाडीह गांव में करंट लगने से हाथी की मौत की खबर प्राप्त होते ही गांव के लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। आसपास के ग्रामीण मृत हाथी की पूजा-अर्चना करने लगे। गांव के लोगों का कहना है कि जिस गांव में हाथी की मौत होती है उस गांव में उसी दिन हाथियों का झुंड जहां मृत हाथी दफनाया जाता है उस स्थान पर काफी देर तक मौजूद रहते हैं। इस के चलते हाथियों का झुंड गांव में कोई क्षति नहीं पहुंचाए, इसलिए ग्रामीण मृत हाथी की पूजा-अर्चना करने लगे। बता दे कि तमाड़ वन क्षेत्र में दो वर्षों के भीतर करंट लगने से अब तक तीन हाथी मर चुके हैं। 

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