क्यों होती है एसिडिटी की समस्या, जानिए लक्षण और उपचार

एसिडिटी की समस्या आज के समय में लगभग सभी को होती है। जी हाँ और यह पाचन तंत्र से संबंधित आम समस्या है। जी दरअसल अत्यधिक तैलीय और मसालेदार भोजन करने से पेट में पित्त के बढ़ने से एसिडिटी की शिकायत हो जाती है और पेट में जलन एवं खट्टी डकारों का सामना व्यक्ति को करना पड़ता है। आप सभी जानते ही होंगे हमारे पेट में हाइड्रोक्लोरिक एसिड पेपसीन मौजूद होता है जो भोजन के पाचन में अहम भूमिका निभाता है। जी हाँ और हाइड्रोक्लोरिक एसिड भोजन को टुकड़ों में तोड़ता है और बाहरी बैक्टेरिया से रोगों को बचाता है। आपको बता दें कि हमारे पेट की परत इस एसिड के लिए अनुकूलित होती है इसलिए यह पेट को नुकसान नहीं पहुँचाती। हालाँकि एसिडिटी यदि बार-बार होती है तो यह गैस्ट्रो इसोफेगल डिजीज में भी बदल सकती है। अब हम आपको बताते हैं एसिडिटी के लक्षण और उपचार।

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एसिडिटी के लक्षण - * सीने में जलन जो भोजन करने के बाद कुछ घंटो तक लगातार रहती है। * खट्टी डकारों का आना कई बार डकार के साथ खाने का भी गले तक आता है। * अत्यधिक डकार आना और मुँह का स्वाद कड़वा होना * पेट फूलना * मिचलाहट होना एवं उल्टी आना * गले में घरघराहट होना * साँस लेते समय दुर्गन्ध आना * सिर और पेट में दर्द * बैचेनी होना और हिचकी आना

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एसिडिटी से बचने के उपाय- * टमाटर खट्टा होता है लेकिन इससे शरीर में क्षार की मात्रा बढ़ती है और इसके नियमित सेवन से एसिडिटी की शिकायत नहीं होती। * ध्यान रहे खाने के बाद नियमित रूप से एक कप अनानास के रस का सेवन करें। * तैलीय एवं मिर्च-मसालेदार भोजन से दूर रहें, जितना हो सके सादा एवं कम मसाले वाला भोजन करें। * पेट भर भोजन के बाद सोना नहीं है, ध्यान रहे सोने से लगभग दो घंटे पहले ही भोजन कर लें। * भोजन करने के बाद टहलने की आदत डालें। * सुबह उठकर नियमित रूप से 2–3 गिलास ठंडा पानी पिए तथा उसके लगभग एक घंटे तक कुछ न खाए। * जंकफूड, प्रिजरवेटिव युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन बिल्कुल न करें। * चाय और कॉफी का सेवन कम से कम करें। * एक ही बार में बहुत सारा खाना खाने की बजाय कम मात्रा में 2–3 बार खाए। * अनार और आँवला को छोड़कर अन्य खट्टे फलों से परहेज करें। * नाश्ते में पपीते के फल का सेवन करें। * योग एवं प्राणायाम करें।

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