12 साल बाद रुक जाएगी भारत की जनसँख्या वृद्धि, जानिए क्या होगा इसका असर

नई दिल्ली: आज देश के लिए बढ़ती आबादी परेशानी का सबब बनी हुई है. देश की जनसंख्या जिस तरह से बढ़ रही है उसे देखकर शायद ही कोई कल्पना कर पाए कि इसे कभी नियंत्रित भी किया जा सकता है. किन्तु हाल ही में केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में खड़े होकर आबादी वृद्धि दर से जुड़ा एक बड़ा बयान दिया. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में 2018-19 की आर्थिक समीक्षा पेश करते हुए भारत की आबादी के बारे में कहा कि आने वाले दो दशकों में जनसंख्या वृद्धि दर में देश काफी गिरावट देखेगा. 

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि अगले दो दशकों में देश में आबादी और लोगों की आयु संरचना के पूर्वानुमान नीति-निर्धारकों के लिए स्वास्थ्य सेवा, वृद्धों की देखभाल, स्कूल सुविधाओं, सेवानिवृत्ति से जुड़ी वित्तीय सेवाएं, पेंशन कोष, आयकर राजस्व, श्रम बल, श्रमिकों की हिस्सेदारी की दर तथा सेवानिवृत्ति की आयु जैसे मुद्दों से संबंधित नीतियां बनाना बड़ा काम होगा। इस आर्थिक समीक्षा में जनसंख्या वृद्धि से संबंधित रुझानों पर बात करते हुए कहा गया है कि देश में राज्य स्तर पर जनसंख्या वृद्धि से संबंधित विभिन्नता दिखने को मिलेगी. 

इस समीक्षा में बताया गया है कि जिन प्रदेशों में जनसंख्या का स्वरूप तेजी से बदल रहा है वहां जनसंख्या वृद्धि दर वर्ष 2031 से लेकर 2041 तक तक़रीबन शून्य में बदल जाएगी. इतना ही नहीं जिन प्रदेशों में जनसंख्या संरचना बदलाव धीमी गति से हो रहा है वहां भी वर्ष 2021 से लेकर 41 तक जनसंख्या वृद्धि दर में काफी गिरावट देखी जाएगी.

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