मुंबई: मुंबई में इन दिनों स्विट्जरलैंड से आई एक युवती अपने माता-पिता को ढूंढ रही है. वर्ष 1998 में स्विट्जरलैंड के एक नागरिक ने उसे गोद लिया था. इसके पश्चात् से वो वहीं रह रही हैं. पिछले कुछ वर्षों में वो 6 बार मुंबई आई तथा परिवार की तलाश कर रही है. इसी बीच उसे ऐसी जानकारी मिली, जिससे पैरों तले जमीन खिसक गई. दरअसल, स्विट्जरलैंड में रहने वाली मिरांडा पिंकी अपने माता-पिता की तलाश में मुंबई पहुंची हैं. वो मूलरूप से भारतीय हैं. वर्ष 1998 में स्विट्जरलैंड के एक नागरिक ने मुंबई के अनाथ आश्रम से उन्हें गोद लिया था. इसके पश्चात् से वो स्विट्जरलैंड में रह रही हैं. मिरांडा पिंकी को अपने असली मां-बाप के बारे में कुछ पता नहीं है. कम उम्र में उन्हें अनाथ आश्रम में छोड़ दिया गया था. कुछ वर्ष वहां रहने के पश्चात् वो अपने नये परिवार के साथ स्विट्जरलैंड चली गईं. अब वो माता-पिता की तलाश में भारत आई हैं. बीते कुछ वर्षों में वो 6 बार भारत आ चुकी हैं. बचपन की यादों के सहारे और एक संस्था की सहायता से वो मुंबई के एक क्षेत्र में पहुंची. वो अपनों का पता लगाने में जुटी हैं. खुशी की बात ये है कि अनाथ आश्रम से मिले कागजों के आधार पर उनके माता-पिता का नाम मिल गया है. इस खबर के साथ पिंकी को एक बड़ा धक्का भी लगा है. उन्हें पता चला कि उनकी मां अब इस दुनिया में नहीं रही. पिंकी ने बताया, जब वो छोटी थी तब कमाठीपुरा में रहती थी, जहां हजारों के आंकड़े में महिलाएं छोटी-छोटी गलियों में रहती थीं. एक छोटे से कमरे के साथ उनकी भी यादें जुड़ी हुई हैं. पिंकी को इस बार यह अवश्य पता चला कि उनकी मां कहां से थी. लेकिन पिता कौन थे तथा कहां रहते हैं, इस बारे में कोई खबर अभी तक नहीं प्राप्त हुई है. पिंकी ने बताया कि जब तक वो अपने परिजनों से मिल नहीं लेती, तब तक तलाश जारी रहेगी. 'हिंदुत्व को उखाड़ फेंको..' के नारों के बीच हमास के आतंकी खालिद मशेल ने दिया भाषण, वामपंथी सरकार की नाक के नीचे हुआ आयोजन ! कबूलनामे के बाद अब लालू का बचाव करते नजर आए मंत्री अशोक चौधरी, बोले- उम्र हो गई है, फिसल गई होगी जुबान!' संस्कृत के पेपर में 'इस्लाम' से जुड़े सवाल देखकर भड़के गिरिराज सिंह, बोले- 'हो गया इस्लामीकरण'