कांगो में भूख से मर सकते है लाखों बच्चे

किंशासा. डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ़ कांगो  (डीआरसी) शायद दुनिया के सबसे अमीर देशों में से एक है लेकिन औपनिवेशवाद, ग़ुलामी और भ्रष्टाचार ने इसे दुनिया के सबसे ग़रीब देशों की क़तार में ला खड़ा किया है. ये देश दूसरे विश्व युद्ध के बाद के सबसे हिंसक संघर्ष को झेल रहा है. यहाँ गरीबी और भुखमरी कि स्थिति बनी हुई है.

हाल ही में इसकी स्थिति को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र ने चेताया कि कांगो में चार लाख से ज्यादा बच्चे गंभीर रूप से कुपोषित हैं. अगर आपात हस्तक्षेप नहीं किया गया तो कुछ ही महीनों के अंदर उनकी मौत हो सकती है. जबकि संयुक्त राष्ट्र के बाल कोष यूनिसेफ ने कहा कि इस संकट ग्रस्त मध्य अफ्रीकी देश में यह समस्या कसई के विशाल क्षेत्र में फैल रही है. 

यूनिसेफ ने कहा कि 18 महीने से चली आ रही हिंसा, बड़े पैमाने पर विस्थापन और कृषि उत्पादन में आ रही गिरावट का बच्चों पर काफी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. संगठन ने कहा, ‘‘कम से कम 400,000 बच्चे पांच साल से कम उम्र के हैं. वे गंभीर कुपोषण से जूझ रहे हैं और यदि उनके जीवन की रक्षा के लिए आपातकालीन उपाय नहीं किए गए तो 2018 में उनकी मृत्यु हो सकती है.

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