'गुजरात से 40 हज़ार लड़कियां लापता..', The Kerala Story से जोड़कर क्यों चलाया गया Gujarat Story का प्रोपेगेंडा ?

अहमदाबाद: लव जिहाद, धर्मान्तरण और आतंकवाद की आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) की क्रूर साजिशों का पर्दाफाश करती फिल्म द केरल स्टोरी (The Kerala Story) ने इस्लामी धर्मांतरण के मुद्दे को सुर्ख़ियों में ला दिया है। हालाँकि, देश का एक तबका और कुछ राजनेता इस फिल्म का पुरजोर विरोध कर रहे हैं। फिल्म को रोकने के लिए मद्रास हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक के दरवाजे खटखटाए गए थे, लेकिन अदालत ने फिल्म को यह कहते हुए हरी झंडी दे दी कि, यह फिल्म आतंकी संगठन ISIS के खिलाफ है, न कि इस्लाम के खिलाफ। कोर्ट से झटका मिलने के बाद अब तरह-तरह के प्रोपेगेंडा फैला कर केरल स्टोरी में उठाए गए मुद्दे को ढंकने की कोशिश की जा रही है। ऐसा ही एक प्रोपेगेंडा गुजरात को लेकर फैलाया जा रहा है, जो पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का गृह राज्य भी है।   

 

दरअसल, लिबरल और वामपंथी समूह ने बीते दिनों गुजरात को लेकर एक प्रोपेगेंडा जमकर फैलाया था। इसमें राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आँकड़ों का हवाला देते हुए दावा किया जा रहा था कि गुजरात से 5 वर्षों में लगभग 40 हजार महिलाएँ गायब हुईं हैं। हालाँकि,  आधे-अधूरे तथ्यों के साथ चलाए जा रहे इस प्रोपेगेंडा की गुजरात पुलिस ने पोल खोल दी है। वायरल पोस्ट में कहा जा रहा था कि वर्ष 2016 से 2020 के बीच गुजरात से 40000 से ज्यादा महिला लापता हुई हैं। मगर, सोमवार (8 मई 2023) को गुजरात पुलिस ने सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए जानकारी दी है है कि लापता हुई 41,621 महिलाओं में से 39,497 को खोज कर उनके परिवारों को वापस सौंपा जा चुका है।

अपने ट्वीट में गुजरात पुलिस ने जानकारी दी है कि लापता महिलाओं का आंकड़ा NCRB का है। मगर, इनमें से 95 फीसद महिलाओं को पुलिस ने बरामद कर उनके परिवार से मिला दिया है। पुलिस ने इन महिलाओं के लापता होने का कारण पारिवारिक विवाद, घर से भाग जाना, परीक्षा में फेल होना आदि बताए हैं। साथ ही कहा है कि जाँच से गुमशुदगी के इन मामलों में यौन शोषण या अंगों के लिए मानव तस्करी से संबंधित होने का प्रमाण नहीं मिला है। गुजरात पुलिस का कहना है कि गुमशुदगी के मामलों में स्थानीय पुलिस सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित किए गए मापदंडों के मुताबिक ही पड़ताल करती है। गुमशुदा लोगों का डाटा राष्ट्रीय स्तर पर समन्वय के लिए एक खास वेबसाइट पर इसलिए अपलोड किया जाता है, ताकि जांच में अन्य राज्यों के पुलिस बल का सहयोग मिल सके। 

माना जा रहा है कि गुजरात की खबर को 'द केरला स्टोरी' फिल्म से जोड़ने का प्रयास किया गया। यहाँ तक कि, ट्विटर पर सोमवार को #GujaratStory भी ट्रेंड में रहा। जहाँ इन लापता हुई लड़कियों के आंकड़ों को दिखाते हुए पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा गया। यहाँ तक कि, कई मीडिया चैनल्स और RJ सायमा तथा पत्रकार अरफ़ा खानुम शेरवानी ने भी अधूरे तथ्यों के साथ यह जानकारी फैलाई और इसे केरला स्टोरी से जोड़ते हुए Gujarat Story करार दिया। बता दें कि, फिल्म 'द केरल स्टोरी', राज्य में हुईं लव जिहाद, धर्मान्तरण और आतंकवाद की घटनाओं पर आधारित है, जिसमें लड़कियों का इस्तेमाल ISIS जैसे आतंकी संगठनों के लिए किया गया था। हालाँकि, गुजरात पुलिस ने राज्य में गुमशुदगी के इन मामलों में यौन शोषण या अंगों के लिए मानव तस्करी की बात से इंकार किया है, साथ ही पुलिस ने 95% महिलाओं को खोजकर उनके परिवारों से मिलवा भी दिया है। ऐसे में इसकी तुलना केरला स्टोरी से नहीं की जा सकती, क्योंकि केरल की 4 महिला ISIS आतंकी अब भी अफगानिस्तान की जेल में कैद हैं, जिन्हे भारत सरकार ने यहाँ आने की इजाजत नहीं दी है।

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