मुहर्रम (Muharram) को इस्लामिक कैलेंडर 'हिजरी' (Hijri Calendar) का पहला महीना माना जाता है. यह महीना इस्लाम धर्म के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. ये दस दिनों तक मनाया जाता है जिसमें शोक मनाया जाता है. जी हाँ, आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस महीने को खुशियों के तौर पर नहीं, बल्कि मातम के रूप में मनाया जाता है. मुहर्रम को पैगंबर मोहम्मद के नवासे इमाम हुसैन (Imam Hussain) की शहादत की याद में मनाया जाता है. मुहर्रम एक ऐसा महीना है जिसमें शिया मुस्लिम (Shia Muslims) 10 दिन तक इमाम हुसैन की याद में शोक मनाते हैं. वहीं जानकारी दे दें, मुहर्रम महीने के दसवें दिन यानी 10 तारीख को यौम-ए-आशुरा (Youm-e-Ashura) कहा जाता है. अरबी में आशुरा का अर्थ दसवां दिन होता है. शिया मुसलमान मुहर्रम के पहले दिन से दसवें दिन तक पैगंबर मोहम्मद के पोते इमाम हुसैन और उनके परिवार की शहादत पर शोक जताते हैं. यौम-ए-आशुरा के दिन काले कपड़े पहनकर इस समुदाय के लोग जुलूस निकालते हैं और मातम मनाते हैं. मोहर्रम त्योहार नहीं, बल्कि मातम मनाने और इमाम हुसैन की शहादत को याद करने का दिन है. ऐसे में इन मैसेजेस के जरिए आप कर्बला में शहीद हुए इमाम हुसैन और उनके परिवार की शहादत को याद कर सकते हैं. फिर आज हक़ के लिए जान फिदा करे कोई वफ़ा भी झूम उठे यूँ वफ़ा करे कोई नमाज़ 1400 सालों से इंतज़ार में है हुसैन की तरह मुझे फिर अदा करे कोई.. हुसैन तेरी अता का चश्मा दिलों के दामन भिगो रहा है ये आसमान में उदास बादल तेरी मोहब्बत में रो रहा है सबा भी जो गुजरे कर्बला से तो उसे कहता है अर्श वाला तू धीरे गुजर यहाँ मेरा हुसैन सो रहा है.. वो जिसने अपने नाना का वादा वफ़ा कर दिया घर का घर सुपुर्द-ए-खाक कर दिया नोश कर लिया जिसने शहादत का जाम उस हुसैन इब्न अली को लाखों सलाम.. पानी की तलब हो तो एक काम किया कर कर्बला के नाम पर एक जाम पिया कर दी मुझको हुसैन इब्न अली ने ये नसीहत जालिम हो मुक़ाबिल तो मेरा नाम लिया कर.. क्या हक़ अदा करेगा ज़माना हुसैन का अब तक ज़मीन पे क़र्ज़ है सजदा हुसैन का झोली फैला कर मांग लो मोमिनो हर दुआ कबूल करेगा दिल हुसैन का.. एक दिन बड़े गुरुर से कहने लगी जमीन है मेरे नसीब में परचम हुसैन का फिर चाँद ने कहा मेरे सीने के दाग देख होता है आसमान पर भी मातम हुसैन का.. मुहर्रम का मातम छोड़ जब होली खेलने लगे थे नवाब वाजिद अली शाह.. Muharram 2019 : मुहर्रम के मौके पढ़ें ये शायरी..