केवल शारीरिक कसरत नहीं, बल्कि मोक्ष प्राप्ति का जरिया भी है 'योग'

योग के विषय में कोई भी बात करने से पहले जान लेना जरुरी है कि इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि आदि काल में इसकी रचना और वर्तमान समय में इसका ज्ञान एवं इसका प्रसार स्वहित से ज्यादा सर्व अर्थात सभी के हित को ध्यान में रखकर किया जाता रहा है। यदि हम योग को स्वयं को फिट रखने के लिए करते हैं तो यह काफी अच्छी बात है, किन्तु यदि हम इसे केवल एक तरह का व्यायाम मानते हैं तो यह हमारी बहुत बड़ी भूल है।

आज जब 21 जून को पूरी दुनिया में योग दिवस बहुत ही जोर शोर से मनाया जाता है, तो यह जरुरी हो जाता है कि हम योग की सीमाओं को कुछ विशेष तरह से शरीर को झुकाने और मोड़ने के अंदाज़, यानी कुछ शारीरिक आसनों तक ही समझने की भूल न करें। क्योंकि इस विषय में यदि कोई सबसे महत्वपूर्ण बात हमें पता होनी चाहिए तो वह यह है कि योग महज शारीर को स्वस्थ रखने का साधन न होकर इससे कहीं अधिक है।

वो योग जो शरीर के अंदर प्रवेश करके मन और आत्मा का स्पर्श करता है वो आसनों से कहीं अधिक श्रेष्ठ है। उसमें यम और नियम का पालन, प्राणायाम के द्वारा सांसों यानी जीवन शक्ति पर नियंत्रण, बाहरी वस्तुओं के प्रति त्याग, धारण यानी एकाग्रता, ध्यान अर्थात चिंतन और अन्त में समाधि द्वारा योग से मोक्ष प्राप्ति तक के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।  हर दिन योग के लिए एक महान दिन है इसलिए आज ही योग शुरू करें और इसके अद्भुत अनुभव को महसूस करें।

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