शरद पूर्णिमा पर इन मंत्रों के जाप से करें लक्ष्मी माता को प्रसन्न

वर्ष की 12 पूर्णिमा में से शरद पूर्णिमा सबसे अहम मानी जाती है. ये पूर्णिमा तन, मन तथा धन तीनों के लिए सर्वश्रेष्ठ होती है. शरद पूर्णिमा पर लक्ष्मी जी की उपासना कर पूजा की जाती है, ये पूजा सर्वसमृद्धिदायक मानी गई है. पूर्णिमा पर सत्यनारायरण की कथा करने से घर में सुख-शांति स्थापित होती है तथा सबसे विशेष शरद पूर्णिमा का चांद 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है जो अपनी किरणों के माध्यम से अमृत की बरसात करता है. इस वर्ष शरद पूर्णिमा 28 अक्टूबर 2023 को है. 

शरद पूर्णिमा 2023 मुहूर्त अश्विन पूर्णिमा तिथि शुरू – 28 अक्टूबर 2023 को प्रातः 04 बजकर 17 मिनट पर अश्विन पूर्णिमा तिथि समाप्त – 29 अक्टूबर 2023 को प्रातः 01 बजकर 53 मिनट पर स्नान-दान का समय – 28 नवंबर को प्रातः 04 बजकर 47 मिनट से प्रातः 05 बजकर 39 मिनट तक सत्यनारायण पूजा मुहूर्त – सुबह 07 बजकर 54 मिनट से सुबह 09 बजकर 17 मिनट तक चंद्रोदय समय – शाम 05 बजकर 20 मिनट लक्ष्मी पूजा मुहूर्त – 28 अक्टूबर 2023 को रात 11 बजकर 39 मिनट से 29 अक्टूबर 2023 सुबह 12 बजकर 31 मिनट तक

शरद पूर्णिमा 2023 शुभ योग:- शरद पूर्णिमा के दिन बुधादित्य योग, त्रिग्रही योग, गजकेसरी योग, शश योग, रवि योग और सिद्धि योग का संयोग बन रहा है. इन 6 शुभ योग में मां लक्ष्मी का आगमन पृथ्वी पर होगा. ऐसे में व्रती को पूजा का विशेष लाभ मिलेगा. रवि योग - प्रातः 06.30 - प्रातः 07.31 (28 अक्टूबर 2023) सिद्धि योग - 28 अक्टूबर 2023, रात 10:52 - 29 अक्टूबर 2023, रात 08:01 

शरद पूर्णिमा पर करें मां लक्ष्मी का पूजा:- शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने का खास महत्व है। मान्यता है कि इस दिन मां लक्ष्मी घर-घर जाकर देखती हैं कि कौन जाग रहा है। इसी के वजह से इस दिन रातभर पूजा पाठ करने के साथ मंत्रों का जाप किया जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी की विधिवत पूजा अवश्य करें। इसके साथ ही उन्हें कमल या फिर गुलाब का फूल जरूर अर्पित करे। इसके साथ-साथ लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करें। इसके साथ ही भोग में खीर अर्पित करें। ऐसा करने से मां लक्ष्मी धन-वैभव का आशीर्वाद देती हैं।   

शरद पूर्णिमा पर करें इन मंत्रों का जाप:- श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मयै नम: श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मी नम:।। ॐ श्रीं ल्कीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा।। ॐ ह्रीं श्री क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये, धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा:।

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