जानिए क्या है विश्व किडनी दिवस की महत्वता?

हर साल विश्व किडनी दिवस मार्च महीने के दूसरे बृहस्पतिवार को मनाया जाता है, और इस वर्ष ये 11 मार्च को मनाया जा रहा है। यह दुनियाभर में किडनी रोग तथा उससे जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं के असर को कम करने के लिए स्वास्थ्य में किडनी के महत्व के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए वैश्विक जागरूकता अभियान है। दुनिया में दस लोगों में से एक शख्स किडनी रोग से प्रभावित है। विश्व किडनी दिवस अंतर्राष्ट्रीय सोसायटी ऑफ नेफ्रोलॉजी (आईएसएन) तथा इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ किडनी फाउंडेशन (आईएफकेएफ) की एक संयुक्त पहल है।   क्रोनिक किडनी रोग (सीकेडी) माहों अथवा सालों से लगातार होने वाली क्षति है। जब किडनी प्रक्रिया एक निश्चित बिंदु से कम हो जाती है, तो उसे किडनी की विफलता कहा जाता है और अनुपचारित किडनी की विफलता जिंदगी के लिए हानिकारक हो सकती है, जिसमें जीवन को बनाए रखने के लिए डायलिसिस अथवा किडनी प्रत्यारोपण की जरुरत होती है। क्रोनिक किडनी रोग की वजह से मधुमेह, उच्च रक्तचाप तथा अन्य विकार हो सकते है। बीमारी का जल्द पता लगाना तथा उपचार प्राय: क्रोनिक किडनी रोग को बदतर होने से बचा सकता हैं। सीकेडी तथा एकेआई अक्सर सामाजिक हालातों जैसे कि निर्धनता, लिंग भेदभाव, शिक्षा का अभाव, व्यावसायिक ज़ोखिम और अन्य वजहों में से प्रदूषण से पैदा होता हैं।   इन चीजों का रखे ध्यान: किडनी रोग साइलेंट किलर है। क्रोनिक किडनी रोग के आरम्भ में कोई संकेत अथवा लक्षण नहीं होता हैं। क्रोनिक किडनी रोग सामान्यत: पूरा ठीक नहीं होता है। किडनी रोग के टेस्ट के लिए रक्त तथा मूत्र परीक्षण किया जाता है। किडनी रोग का इलाज किया जा सकता है। सीकेडी का जल्द पता लगाना असरकारक इलाज प्राप्त करने का बेहतर मौका प्रदान करता है। मधुमेह तथा उच्च रक्तचाप क्रोनिक किडनी रोग (सीकेडी) का प्रमुख ज़ोखिम कारक हैं। किडनी रोग ‘किडनी की विफलता’ उत्पन्न करता है।

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