नई दिल्ली : दूसरी विश्व हिंदू कांग्रेस को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि कुछ लोग हिंदू शब्द को अछूत और असहनीय बनाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने हिंदू धर्म के सच्चे मूल्यों के संरक्षण की जरूरत पर जोर जिससे कि ऐसे विचारों और प्रकृति को बदला जा सके जो गलत सूचनाओं फ़ैलाते है.
इसके साथ है देश के उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने अफसोस जताते हुए कहा कि हिंदू धर्म के बारे में काफी गलत सूचनाएं समाज में फैलाई जा रही हैं. नायडू ने कहा, कुछ लोग हिंदू शब्द को ही अछूत और असहनीय बनाने की कोशिश कर रहे हैं. इसके लिए व्यक्ति को विचारों को सही तरीके में देखकर प्रस्तुत करना चाहिए ता कि दुनिया के सामने सबसे प्रामाणिक तथ्य सामने आ पाए.
इसके अलावा यहां दूसरी विश्व हिंदू कांग्रेस को संबोधित करते हुए नायडू ने कहा कि भारत सार्वभौमिक सहनशीलता में विश्वास करता है और सभी धर्मों को सच्चा मानता है. गौरतलब है कि इससे पहले नायडू ने मॉब लिंचिंग के मामले में कहा था कि घृणा और भीड़ हत्या जैसे मामलों में लिप्त लोग खुद को राष्ट्रवादी नहीं कह सकते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि इस तरह के मामलों को रोकने के लिए केवल कानून पर्याप्त नहीं है. इसके साथ - साथ उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए समाज में सुधार लाना भी बहुत आवशयक है.
नई दिल्ली : दूसरी विश्व हिंदू कांग्रेस को संबोधित करते हुए ने कहा कि कुछ लोग हिंदू शब्द को अछूत और असहनीय बनाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने हिंदू धर्म के सच्चे मूल्यों के संरक्षण की जरूरत पर जोर जिससे कि ऐसे विचारों और प्रकृति को बदला जा सके जो गलत सूचनाओं फ़ैलाते है.
इसके साथ है देश के उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने अफसोस जताते हुए कहा कि हिंदू धर्म के बारे में काफी गलत सूचनाएं समाज में फैलाई जा रही हैं. नायडू ने कहा, कुछ लोग हिंदू शब्द को ही अछूत और असहनीय बनाने की कोशिश कर रहे हैं. इसके लिए व्यक्ति को विचारों को सही तरीके में देखकर प्रस्तुत करना चाहिए ता कि दुनिया के सामने सबसे प्रामाणिक तथ्य सामने आ पाए.
इसके अलावा यहां दूसरी विश्व हिंदू कांग्रेस को संबोधित करते हुए नायडू ने कहा कि भारत सार्वभौमिक सहनशीलता में विश्वास करता है और सभी धर्मों को सच्चा मानता है. गौरतलब है कि इससे पहले नायडू ने मॉब लिंचिंग के मामले में कहा था कि घृणा और भीड़ हत्या जैसे मामलों में लिप्त लोग खुद को राष्ट्रवादी नहीं कह सकते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि इस तरह के मामलों को रोकने के लिए केवल कानून पर्याप्त नहीं है. इसके साथ - साथ उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए समाज में सुधार लाना भी बहुत आवशयक है.