World Elephant Day : धरती से खत्म हो रहा गज 'राज', 170 में से 2 ही प्रजातियां बची आज

 

आज के समय में हाथियों की दो ही प्रजातियां बची हैं. दुनिया में प्राप्त हुए विभिन्न जीवाश्मों से यह जानकारी मिली है कि आज से 5 करोड़ साल पहले हाथियों की करीब 170 प्रजातियां होती थीं. यह जीवाश्म ऑस्ट्रेलिया और अंर्टाकटिका को छोड़ कर सभी महाद्वीपों में पाए गए हैं. आज पूरी दुनिया World Elephant Day सेलिब्रेट कर रही है, तो आइए जानते है आज हाथियों से जुड़े कुछ खास बातें...

- हाथी एक एकलौता ऐसा जानवर है जिसके चार घुटने होते है और वह कूद नही सकता है. - मादा हाथी हर 4 साल में एक बच्चे को जन्म देती है. जबकि मादा हाथी का गर्भकाल औसतन 22 माह का होता है.  - प्रतिशत मामलों में जुडवा बच्चे जन्म लेते हैं और नव जन्में हाथी की लंम्बाई लगभग 83 सेंटीमीटर और वजन 112 KG तक होता है. - हाथियों के शरीर का सबसे मुलायम नाजुक हिस्सा उनके कान के पीछे होता है जिसे क्नुले (knule) कहा जाता है.  - इस बात से बहुत कम लोग ही परिचित होंगे कि हाथियों को संभालने वाले महंत अपने पैरों का इस्तेमाल कर क्नुले के तहत हाथियों को दिशा-निर्देश देते हैं. - हाथी अपनी सूँड की सहायता से फर्श पर गिरा एक छोटा सा सिक्का भी उठा सकते हैं. - अफ्रीकन हाथियों और भारतीय हाथियों में एक फर्क होता हैं. वह फर्क होता है अफ्रीकन हाथियों के कान भारतीय हाथियों से बड़े होते हैं.  - हाथियों का जीवनकाल औसतन 70 साल का होता है.  - हाथियों का दिमाग सभी जानवरों में सबसे बड़ा होता है.

 

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