माहवारी के समय कम ब्लीडिंग क्यों होती है ?

महिलाए मासिक धर्म से जुडी समस्याओं से परेशान होती है. कुछ महिलाओं को भारी मात्रा में ब्लीडिंग होती है तो किसी को कम! किसी को मासिक धर्म के दौरान शरीर में ऐंठन, जी मचलाना और पेट दर्द की भी शिकायत रहती है. यदि किसी महिला को लाइट ब्लीडिंग होती है तो वह सोचती है कि कोई परेशानी नहीं है. किन्तु जिस तरह आप दूसरी समस्याओं पर डॉक्टर से सलह लेती है, उसी तरह कम ब्लीडिंग होने पर डॉक्टर से जरूर सलाह लें. कम ब्लीडिंग के बहुत कारण होते है, जैसे बॉडी में हार्मोनल परिवर्तन भी ब्लीडिंग की मात्रा को बढ़ा या घटा सकते है.

ज्यादा उम्र की महिलाए जो मेनापॉज के करीब आ चुकी है उन्हें भी कम ब्लीडिंग होती है. इससे उनके शरीर में एस्ट्रोजेन की मात्रा कम हो जाती है. कम उम्र की लड़किया जिन्हे मासिक धर्म आना शुरू हुआ है, उन्हें भी कम ब्लीडिंग होती है, कई बार तो उन्हें मासिक धर्म आता भी नहीं.

थायरॉइड कंडीशन, खानपान, पोलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम होने पर मासिक धर्म पर असर होता है. गर्भनिरोधक गोलियों के खाने से भी ब्लीडिंग कम होती है. यदि प्रेग्नेंसी के दौरान पहले तीन महीने में भी हल्की ब्लीडिंग होती है, जो गर्भपात की और इशारा करते है इसलिए डॉक्टर्स से सलाह जरूर लें. यदि कम ब्लीडिंग हो तब भी अदरक, दालचीनी, धनिया, अजवायन या गर्म चीजों के सेवन से बचे.

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