क्यों मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय बाल दिवस, जाने क्या है इसका इतिहास

क्या आप जानते है कि यूनिवर्सल बाल दिवस क्यों मनाया जाता है, तो आज उसी के बारे में हम बात करते है अंतर्राष्ट्रीय बाल अधिकार दिवस की स्थापना 1954 में की गयी थी. इस अन्तराष्ट्रीय बाल दिवस की परिकल्पना वि. के. कृष्णा मेनन ने दी थी. यह दिवस अंतर्राष्ट्रीय एकजुटता, बच्चो के प्रति जागरूकता और बच्चो के कल्याण को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है. नवम्बर 20, एक बेहद ही महत्वपूर्ण दिन के रूप में जाना जाता है क्योकि इस दिन संयुक्त राष्ट्र की जनरल असंबली ने 1959 में बाल अधिकारों को एलांन किया था. यह दिवस ओर भी महत्वपूर्ण बन जाता है क्योकि 1989 में संयुक्त राष्ट्र ने बाल अधिकारों पर हुए सम्मलेन के सुझावों को अपनाया जाना था, वही 1990 में, विश्व बाल अधिकार दिवस का दिन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योकि समान दिन ही संयुक्त राष्ट्र महासभा ने दोनों घोषणाओं को अपनाया गया था. 

अंतर्राष्ट्रीय बाल अधिकार दिवस कब मनाया जाता है? हम आपको बता दें कि प्रति वर्ष संयुक्त राष्ट्र द्वारा 20 नवंबर को ‘अंतर्राष्ट्रीय बाल अधिकार दिवस’ अथवा ‘सार्वभौमिक बाल दिवस’ मनाया जाता है. इस दिन को “बचपन दिवस” भी कहते हैं, संयुक्त राष्ट्र महासभा द्बारा निर्धारित मापदंड को दुनिया के 191 देशों ने सहर्ष स्वीकार किया है और बच्चों के अधिकारों के प्रति अपनी जागरूकता जाहिर की गई है. 

अंतर्राष्ट्रीय बाल अधिकार दिवस के मुख्य उद्देश्य: दुनिया भर के बच्चों के बीच में पारस्परिक सहयोग और सामंजस्य स्थापित किया जा सके. विश्व के सभी बच्चों के कल्याण के लिए विभिन्न कल्याणकारी कार्यों का संचालन किया जा सके. बाल अधिकार (Children’s Rights in Hindi): बच्चों के मानवाधिकारों को बाल अधिकार कहते हैं.

बाल अधिकारों को चार भागों में बांटा जा सकता है:-

जीवन जीने का अधिकार: बच्चों का पहला हक़ है जीने का, अच्छा खाने पीने का, लड्का हो या लडकी हो, सेहत सबकी अच्छी हो.

संरक्षण का अधिकार: फिर हक़ है संरक्षण का, शोषण से है रक्षण का श्रम, व्यापार या बाल विवाह, नहीं करें बचपन तबाह. सहभागिता का अधिकार: बच्चों केतीसरे हक़ की बात करें, सहभागिता से उसे कहें, मुद्दे हों उनसे जुडे तो, बच्चों की भी बात सुनें.

विकास का अधिकार: बच्चों का चौथा हक़ है विकास का, जीवन मे प्रकाश का, शिक्षा हो गुण्वत्तायुक्त, मनोरंजक पर डर से मुक्त.

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