क्या आपको भी लगता है की जब हम महिलाओं को लक्ष्मी का दर्जा देते हैं, तो उनका नारियल फोड़ने से अधिकार क्यूं छीन लेते हैं? इसके पीछे भी राज़ है, आइये जानते हैं इसके बारे में... नारियल के पीछे भी एक कथा छुपी हुई है. वह यह है कि ब्रम्हा ऋषि विश्वामित्र ने विश्व का निर्माण करने से पहले नारियल का निर्माण किया था. यह मानव का प्रतिरूप माना गया था. नारियल को बीज रूप माना गया है, जो प्रजनन क्षमता से जुड़ा है. स्त्रियों बीज रूप से ही शिशु को जन्म देती है और इसलिए नारी के लिए बीज रूपी नारियल को फोड़ना अशुभ माना गया है. देवी-देवताओं को श्रीफल चढ़ाने के बाद पुरुष ही इसे फोड़ते हैं. हांलाकि इसके बारे में ना तो कहीं लिखा गया है और ना ही देवी-देवताओं ने इससे जुडे़ निर्देश कभी दिये हैं. यह सब सामाजिक मान्यताओं और विश्वास के चलते बरसों से हमारे रीति-रिवाज का हिस्सा बना हुआ है. शिवलिंग पर दूध चढाने से मिलती है सर्प दोष से मुक्ति जानिए पूजा में चावल से जुडी कुछ बाते कनकधारा यंत्र से होगी धन की प्राप्ति