जो मुंह तक उड़ रही थी अब लिपटी है पाँव से, बारिश क्या हुई मिटटी की फितरत बदल गई. डूबी हैं मेरी उँगलियाँ मेरे ही खून में, ये काँच के टुकड़ों पर भरोसे की सजा है. सिखा ना सकी जो उम्र भर तमाम किताबें मुझे, फिर करीब से कुछ चेहरे पढ़े और ना जाने कितने सबक सीख लिए. लाख मिठाइयां चखी हो तुमने मगर, खुशी के आंशू का स्वाद सबसे मीठा है. ना वो मिलती है ना मैं रुकता हूँ, पता नहीं रास्ता गलत है या मंज़िल. मिलने को यूँ तो हमसे मिले है हजारो, वो शख्स जो सीधा दिल में उतर गया उसका हुनर कमाल था. मिल सके आसानी से उसकी ख्वाहिश किसे है, ज़िद तो उसकी है जो मुकद्दर में लिखा ही नहीं. दिल भी आज मुझे ये कह कर डरा रहा है, करो याद उसे वरना मै भी धडकना छोड़ दूंगा. जिदंगी में कभी किसी बुरे दिन से रूबरू हो जाओ, तो इतना हौंसला जरुर रखना की दिन बुरा था जिंदगी नहीं. किसी के दिल में क्या छुपा है, ये बस खुदा ही जानता है, दिल अगर बेनकाब होता, तो सोचो कितना फसाद होता. कदर करलो उनकी जो तुमसे बिना मतलब की चाहत करते है, दुनिया में ख्याल रखने वाले कम और तकलीफ देने वाले ज्यादा होते है. हो आप देख रहे है वो गलत देख रहे है, ध्यान से देखिए... इन तस्वीरों को देखकर सिर खुजलाने लगोगे आप... जब महिला को चुकानी पड़ी ऑनलाइन खरीदे एक केले की कीमत 87000 रुपए