धर्म के चरण क्या है ? भागवत महापुराण में इसका विस्तार से वर्णन प्राप्त होता है। इस महापुराण के अनुसार युग के अनुरूप धर्म के चरण इस प्रकार है 1.सत्य, 2.तप, 3.पवित्रता और 4. दान (दया)। युगानुसार धर्म के चरण निम्न प्रकार से बदलतें है। सतयुग में धर्म के जो चार चरण थे। वे इस प्रकार है - सत्य, तप, पवित्रता और दान (दया)। त्रेतायुग में सत्य चला गया औरधर्म के तीन चरण तप, पवित्रता और दान शेष रहे। द्वापरयुग में सत्य और तप चले गए और केवल दो चरण पवित्रता और दान शेष रह गए। कलियुग में सत्य, तप और पवित्रता चली गई केवल एक चरण दान शेष रह गया है। इस प्रकार अब इस कलियुग में केवल दान (दया) के सहारे धर्म रह गया। लेकिन कलियुग हर स्थान पर नहीं रहता उसके रहने के स्थान सीमित है। केवल पांच स्थानों पर ही कलियुग का निवास है। बारिश के बाद शुरु होगी शिप्रा सेवा यात्रा सास ने किया इस्लाम धर्म कुबूलने पर मजबूर