कोलकाता: पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद राजनीतिक हिंसा और बंगाल बीजेपी में टूट की खबरों के बीच आज यानी गुरुवार को राज्यपाल जगदीप धनखड़ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ मुलाकात कर रहे हैं। जी दरअसल वह सुबह 11:30 बजे राष्ट्रपति भवन पहुँच चुके हैं और उनकी मुलाक़ात राष्ट्रपति से हो रही है। ऐसा माना जा रहा है कि वह राज्य में हो रही हिंसा को लेकर उन्हें रिपोर्ट देंगे। इसी के साथ आज ही राज्यपाल का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से भी मिलने का कार्यक्रम है। आपको बता दें कि वह बीते मंगलवार को दिल्ली गए हैं और 18 जून को कोलकाता वापस आएंगे। Governor WB Shri Jagdeep Dhankhar along with Smt Sudesh Dhankhar will call on President of India Hon’ble Shri Ram Nath Kovind and First Lady Smt. Savita Kovind at Rashtrapati Bhawan @rashtrapatibhvn today at 11.30 am. — Governor West Bengal Jagdeep Dhankhar (@jdhankhar1) June 17, 2021 इस बीच बीते बुधवार को राज्यपाल ने दिल्ली में केंद्रीय मंत्रियों प्रह्लाद जोशी और प्रह्लाद सिंह पटेल से भी मुलाकात की थी। मुलाक़ात के बाद उन्होंने ट्वीट किया और लिखा, ''भारत के कोयला, खनन एवं संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी से विभिन्न मुद्दों पर सार्थक बातचीत हुई।'' इसके अलावा ट्विटर पर किए गए अपने एक अन्य पोस्ट में उन्होंने कहा कि, ''केंद्रीय सांस्कृतिक, पर्यटन मंत्री प्रह्लाद पटेल के साथ विक्टोरिया मेमोरियल, भारतीय संग्रहालय समेत अन्य मुद्दों पर सार्थक चर्चा हुई। इसका मकसद इन निकायों के प्रभाव को बढ़ाना है। '' आप सभी को बता दें कि राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद हिंसा की राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग से शिकायत की है। Governor West Bengal Jagdeep Dhankhar had a courtesy meeting in New Delhi with former Supreme Court Judge, Justice Arun Kumar Mishra, Chairperson National Human Rights Commission @India_NHRC pic.twitter.com/7q7yAVIWDN — Governor West Bengal Jagdeep Dhankhar (@jdhankhar1) June 16, 2021 जी दरअसल उन्होंने बीते बुधवार को आयोग के चेयरमैन व सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस अरुण कुमार मिश्रा से मुलाकात की और उन्हें बंगाल के हालात से अवगत कराया। यह सब जानने के बाद टीएमसी के वरिष्ठ नेता व सांसद सौगत रॉय ने कहा, “राज्यपाल दिल्ली क्यों गए हैं और वहां केंद्रीय मंत्रियों से क्यों मिल रहे हैं? मैने ऐसे राज्यपाल को कभी नहीं देखा, जो संविधान और उसके मानदंडों का सम्मान नहीं करते हैं। वह प्रत्येक संवैधानिक मानदंड का उल्लंघन करते रहे हैं। हमारे संविधान के अनुसार राज्यपाल को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाले मंत्री परिषद के निर्देशों के अनुसार कार्य करना चाहिए, लेकिन वह इस तरह के किसी भी मानदंड का पालन नहीं करते हैं और अपनी मर्जी और कल्पना के मुताबिक काम करते हैं।'' पश्चिम बंगाल में शुरू की गई ‘ब्लड दो वैक्सीन लगवाओ’ पहल मायावती ने कसा अखिलेश पर तंज, कहा- 'हालत बहुत ज्यादा खराब हो गई है, अपने नेताओं पर भरोसा नहीं' कोरोना से उबरने के लिए चालू वित्त वर्ष में भारतीय फार्मा कॉस में मजबूत बिक्री वृद्धि की संभावना: फिच