नई दिल्ली: भारतीय रेल रोजाना लाखों मुसाफिरों के सफर को आसान बनाती है। रेलवे के अधिकांश यात्रियों को पता होगा कि हर कोच के भीतर अलार्म चेन भी लगी होती है, जिसे आपातकाल में खींचने से ट्रेन को रोका जा सकता है। हालांकि, कई बार यात्री निजी स्वार्थों या बेवकूफी भरे कारणों से भी इस चेन को खींच देते हैं और ट्रेन में सवार बाकी यात्रियों के लिए मुसीबत खड़ी कर देते हैं। इस सिलसिले में भारतीय रेल ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया है, जो वायरल हो गया है। इस वीडियो के जरिये रेलवे ने बताया है कि अलार्म चेन क्यों नहीं खींचनी चाहिए। रेल मंत्रालय द्वारा गुरुवार को स्वदेशी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म कू ऐप पर एक वीडियो पोस्ट किया गया। वीडियो आते ही इसे लाइक और शेयर करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ने लगी। इस पोस्ट के साथ रेल मंत्रालय ने लिखा है, “बेवजह अलार्म की चेन खींचने से कई लोगों को परेशानी हो सकती है! सेंट्रल रेलवे के असिस्टेंट लोको पायलट सतीश कुमार ने टिटवाला और खडावली स्टेशन के बीच नदी पर बने पुल पर रुकी गोदान एक्सप्रेस की अलार्म चेन को रीसेट करने का जोखिम उठाया। ट्रेन की चेन किसी आपात स्थिति में ही खींचे।' Koo App Pulling the Alarm Chain for no reason can cause trouble to many! Satish Kumar, Asst. Loco Pilot of CR,took the risk of resetting Alarm Chain of Godan Express,halted over the River Bridge between Titwala & Khadavli Station. Pull the chain of a train only in case of an emergency. #BeResponsibleRailYatri #AlarmChain #FollowRules #IndianRailways View attached media content - Ministry of Railways (@RailMinIndia) 6 May 2022 इस वीडियो के जरिये रेलवे ने अपने मुसाफिरों को यह बताने की कोशिश की है कि ट्रेन की बोगी में लगी हुई अलार्म चेन खींचना, ट्रेन के ड्राइवर यानी लोकोपायलट के लिए कितना जोखिम भरा काम होता है। इस वीडियो में आप देख सकते हैं कि किसी व्यक्ति ने एक नदी पर बने पुल के ऊपर अलार्म चेन खींच दी है और ट्रेन रुक गई है। नदी के ऊपर बना पुल बेहद संकरी जगह पर होता है और वहां ज्यादा स्थान नहीं होता। इसके साथ ही नीचे नदी में गिरने का भी खतरा बना रहता है। वीडियो में देखा जा सकता है कि ट्रेन रुकने के बाद लोकोपायलट बोगी की सीढ़ियों और उसके नीचे ट्रेन के पहियों के बीच काफी कम जगह पर मशक्कत करने के बाद घुसने में सफल होता है और फिर दूसरे दरवाजे के नीचे लगे अलार्म चेन को रीसेट करता है। नदी के ऊपर बने पुल पर जहां पटरियों और किनारे की जगह के बीच गैप होता है, वहां से जरा सी चूक होने पर सीधे नीचे नदी में गिरने से कोई नहीं रोक सकता। जबकि ट्रेन के पहियों के आगे से घुसकर अलार्म चेन को रीसेट करना भी बहुत जोखिम भरा काम होता है। इस वीडियो को दिखाने के साथ ही रेल मंत्रालय ने अपील की है कि केवल आपातकालीन परिस्थितियों में ही अलार्म चेन को खींचे, ताकि ये अन्य यात्रियों के लिए मुसीबत की वजह ना बने। तालाब की खुदाई के दौरान निकला विशाल शिवलिंग, 2600 वर्ष पुराना है इस मंदिर का इतिहास रामपुर में पेड़ से टकराई तेज रफ़्तार इनोवा, 6 बारातियों की दर्दनाक मौत, 4 घायल शिक्षा, देश की प्रगति को गति देने के लिए सबसे शक्तिशाली उत्प्रेरक: नायडू