Veere Di Wedding Review : सिर्फ लड़के ही क्यों ले सारे मज़े?

फिल्म वीरे दी वेडिंग' बॉलीवुड की दूसरी फिल्मों से काफी अलग है क्योंकि इस फिल्म में चार लड़कियों को दिखाया है जो आपस में दोस्त रहती हैं. फिल्म में देखने को मिला कि ये चारों लड़कियां अपनी शर्तों पर जीती हैं और निडर और बेबाक होकर बात करती हैं. चारों आपस में सेक्स और ऑर्गज्म की भी बातें करती हैं और साथ में वे अपने हालातों पर हंसती भी हैं.

यह फिल्म इन चारों लड़कियों की जिंदगी की उलझनों से वाकिफ कराती है. जी हाँ! कालिंदी मतलब (करीना कपूर) जो शादी के झंझटों में फंसी हुई है लेकिन वह वक्त के साथ बहती जाती है क्योंकि वह प्यार में है. वहीं अवनी मतलब (सोनम कपूर) है जिसको सोलमेट नहीं मिल रहा है. साथ ही उसकी मां दिन-रात उसके लिए जीवनसाथी ढूंढने में लगी है. इसके बाद साक्षी मतलब (स्वरा भास्कर) जो रिलेशनशिप में बंधने के लिए बनी ही नहीं है और मीरा मतलब (शिखा तल्सानिया) जो एक विदेशी से शादी कर चुकी है. उसका एक बच्चा भी है लेकिन उसकी शादीशुदा जिंदगी में कोई खुशी नहीं है.

यह फिल्म दर्शकों को काफी हसाएगी क्योंकि फिल्म के सभी किरदारों ने इसमें बखूबी रोल निभाया है. फिल्म में चारों सहेलियों की केमिस्ट्री काफी स्ट्रोंग दिखाई गई है. चारों ही सहेलियां ओपन माइंडेड है जो पाकिस्तान बोर्ड को रास नहीं आई. दरअसल, पाकिस्तान के सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ चेयरमैन ने इस फिल्म को काफी बोल्ड बताते हुए पाकिस्तान में बैन कर दिया है. वहीं पाकिस्तान ने लड़कियों के पहनावे पर भी सवाल उठाए है. खैर यह फिल्म बोल्ड तो है ही लेकिन कहीं-कहीं लड़कियों की गप्पेबाजी में काफी समय बर्बाद किया गया है और फिल्म रुकी हुई सी लगती है.

तैमूर से भी ज्यादा क्यूट है उनकी छोटी बहन इनाया, डॉल की तरह आई नजर

भावेश जोशी सुपरहीरो रिव्यु : फ्लॉप हुआ सोनम कपूर का भाई, बेदम कहानी

B'day Spl : इस एक्टर ने की अपनी ही स्टूडेंट से शादी, बनना चाहते थे आर्मी अफसर

 

 

Related News