हाईकोर्ट ने फर्जी शिक्षकों के मामले में सरकार से मांगा जवाब

उत्तराखंड के नैनीताल हाइकोर्ट ने सरकार को प्राइमरी और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नियुक्ति पाने वाले अध्यापकों के विरुद्ध की गई कार्रवाई की जानकारी 24 जून तक देने के निर्देश दिए हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें की , सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि इस प्रकरण की जांच चल रही है। इसके साथ ही मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ के समक्ष वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मामले की सुनवाई हुई। 

इसके साथ ही स्टूडेंट वेलफेयर सोसायटी हल्द्वानी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि राज्य के प्राइमरी और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में लगभग  साढ़े तीन हजार अध्यापक फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नियुक्त हैं।वहीं इनमें से कुछ अध्यापकों के दस्तावेजों की एसआईटी जांच की गई। आपकी जानकारी के लिए बता दें की इनमें जो नाम सामने आए उनके विरुद्ध विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत के कारण कोई कार्रवाई नहीं हुई।इसके साथ ही  यहां तक कि इन्हें क्लीन चिट दे दी गइ है। याचिका में कहा गया कि ऐसे लोग अब भी पद पर बने हुए हैं। याचिकाकर्ता ने इस प्रकरण की एसआईटी जांच कराने की मांग की थी। 

इसके साथ ही सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि इस मामले की एसआईटी जांच चल रही है। ऐसे में अभी तक 84 अध्यापक जाली दस्तावेजों के आधार पर नौकरी करते पाए गए हैं। उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई चल रही है। पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने सरकार को 24 जून तक ऐसे अध्यापकों के खिलाफ की गई कारवाई की जानकारी देने के निर्देश दिए हैं।

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