Budget 2020: मिडल क्लास को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से विशेष अपेक्षा, इतने प्रतिशत कटौती की उम्मीद

शनिवार यानी 1 फरवरी को 2020-21 का बजट पेश होने वाला है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के इस बजट से मिडल क्लास को काफी उम्मीद है. मिडल क्लास की सबसे बड़ी अपेक्षा यह है कि वित्त मंत्री इनकम टैक्स में कटौती करें. अभी सरचार्ज वगैरह जोड़कर सबसे ज्यादा इनकम टैक्स 42.7 फीसदी का लगता है. लेकिन यह जानकार आपको हैरानी होगी कि आजादी के बाद देश ने ऐसा दौर भी देखा है जब इनकम टैक्स की उच्चतम सीमा 93 फीसदी से ज्यादा हो गई थी. इसके बाद इसे 30 से 40 फीसदी के दायरे में आने में कई दशक लग गए.

कोरोनावायरस : केरल से सामने आया भारत का पहला मामला, जांच रिपोर्ट में हुई पुष्टि

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि अभी 60 साल से कम उम्र के लोगों के लिए व्यक्तिगत आयकर तीन आय स्लैब में 5, 20 और 30 फीसदी लिया जाता है.यानी अध‍िकतम सीमा 30 फीसदी है और इस पर 4 फीसदी का सेस लगता है. इसके अलावा कई तरह के सरचार्ज हैं. हालत यह है कि 5 करोड़ रुपये से ज्यादा की सालाना आमदनी पर सेस बढ़कर 37 फीसदी तक हो जाता है. इसके बाद प्रभावी टैक्स रेट 42.7 फीसदी तक हो जाता है.

'अयोध्या में बाबरी मस्जिद बनाएँगे', फरहान के बयान पर योगी के मंत्री मोहसिन रजा ने दिया जवाब

अगर आपको नही पता तो बता दे कि कभी इस देश में ज्यादा पैसा कमाना भी अपराध की तरह देखा जाता था. ज्यादातर उद्योग सरकारी थे और निजी क्षेत्र को बहुत प्रोत्साहन नहीं था. शायद इसीलिए 1970 के दशक तक देश में 93 फीसदी से ज्यादा इनकम टैक्स था. साल 1971 में इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली सरकार में यशवंत राव चव्हाण वित्त मंत्री थे तो उन्होंने अध‍िकतम टैक्स रेट 85 फीसदी कर दिया. इस पर 10 फीसदी सरचार्ज भी लगता था यानी प्रभावी टैक्स रेट 93.5 फीसदी तक पहुंच गया. सोचिए 100 रुपये कमाने वाले किसी अमीर व्यक्ति के हाथ में महज 6.50 रुपये बचते थे और बाकी उसे टैक्स के रूप में सरकारी खजाने में देना होता था. 

पीएम मोदी ने बोडो समझौते को बताया ऐतिहासिक, कहा- इससे असम की एकता को बढ़ावा मिलेगा

'शाहीन बाग़ का खेल ख़त्म... आज़ादी दे रहा हूँ.... ', जानिए कौन है जामिया में गोली चलाने वाला शख्स

दिल्ली के चुनावी दंगल में उतरेंगे सीएम योगी, शाहीन बाग़ में कर सकते हैं रैली

 

Related News