छलका 'झांसी की रानी' का दर्द, कहा, ''मैं चाहती हूं कि कलर की बजाय मेरा टैलेंट देखे

टेलीविजन की चर्चित सीरियलो में शुमार ऐतिहासिक सीरयल 'झांसी की रानी' के बारे में तो आप जानते ही है जो के आज भी लोगो के जेहन में अपने अपनी एक अमित छाप को छोड़े हुए है. व सीरियल 'झांसी की रानी' में मनु (लक्ष्मीबाई) के बचपन का रोल कर चुकीं उल्का गुप्ता का भी इसमें हमे दमदार रूप देखने को मिला था. अब उन्होंने अपने बयान में कुछ ऐसी बाते कही है की आप भी थोड़ा सा परेशान हो जाएंगे जी हाँ, 'झांसी की रानी' यानि उल्का गुप्ता ने कहा है कि, 7 साल की उम्र में वे रेसिज्म का शिकार हुई थीं.

इस वजह से उन्हें काफी स्ट्रगल करना पड़ा. उस उम्र में उनका सीरियल 'रेशम डंक' शुरू हुआ था, लेकिन लो टीआरपी के चलते यह शो 6 महीने में ही बंद हो गया. उल्का गुप्ता ने अपनी इस चर्चा के दौरान आगे कहा कि,"मुझे एक्टिंग का बहुत शौक है और बचपन से ही मैं इंडस्ट्री के डार्क साइड को फेस करती आ रही हूं. 'रेशम डंक' के रैपअप के बाद मैं पापा के साथ रोज ऑडिशन के लिए जाती थी और हर बार मुझे निराश होना पड़ता था. क्योंकि प्रोड्यूसर्स को एक फेयर लड़की की जरूरत होती थी.

उनका मानना था कि फेयर लड़की अप मार्केट गर्ल होती है. डार्क स्किन की वजह से मुझे कई बार रिजेक्ट कर दिया गया. इनफैक्ट कॉम्पलेक्शन के कारण मुझे 'सात फेरे' में सलोनी की बेटी का रोल मिला था. इस शो के लिए मेकर्स ने डार्क कलर की बजाय लड़की के साहस पर फोकस किया लेकिन मैं चाहती हूं कि कलर की बजाय मेरा टैलेंट बोले."

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