यूएपीए संशोधन विधेयक पर राष्ट्रपति ने लगाई मुहर

नई दिल्लीः राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने केंद्र सरकार द्वारा संसद से पारित कराए गए गैर कानूनी गतिविधियां (बचाव) संशोधन बिल पर हस्ताक्षर कर दिए। इस बिल के अनुसार देशविरोधी कामों में लगे शख्स को आतंकी घोषित करने और उसकी संपत्ति को जब्त करने का अधिकार सरकार के पास है। इसी के साथ अब यह बिल कानून बन गया है। इस कानून के तहत एक बार किसी के आतंकी घोषित होने पर उसके ट्रेवल पर भी रोक रहेगी।

गृह मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार, इस कानून के तहत घोषित होने वाले पहले दो आतंकी मोस्टवांटेड लश्कर-ए-ताइबा का आतंकी हाफिज सईद और जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर होंगे। राष्ट्रपति ने बृहस्पतिवार देर रात को इस कानून पर अपनी मंजूरी दी है। निचले सदन ने इसे 24 जुलाई और ऊच्च सदन ने 2 अगस्त को पारित किया था। इस कानून में संशोधन से अब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के महानिदेशक को आतंक को बढ़ावा देने वाली संपत्तियों को जब्त करने का अधिकार मिल गया है।

इससे पहले एनआईए को संबंधित राज्य के पुलिस चीफ से किसी आतंकी से जुड़ी संपत्ति सीज करने के लिए अनुमति लेनी पड़ती थी। ऐसे में आतंकियों से संबंधित भिन्न - भिन्न राज्यों में मौजूद ऐसी संपत्तियों की सीज में देरी होती थी। यूएपीए की धारा 43 के अनुसार अभी तक डीएसपी रैंक और उससे ऊपर के अफसरों को ही ऐसे मामलों में जांच का अधिकार था। मगर संशोधन के बाद अब इंस्पेक्टर रैंक के अफसर भी जांच कर सकेंगे।

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