तुलसी की माला से नहीं होते है चर्मरोग

तुलसी मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है. श्यामा तुलसी, और रामा तुलसी, श्यामा तुलसी अपने नाम के अनुसार ही श्यामवर्ण की होती हैं तथा रामा तुलसी हरित वर्ण की होती है. तुलसी की माला गले में धारण करने से अनेक लाभ प्राप्त होते हैं.

श्यामा तुलसी की माला: श्यामा तुलसी की माला धारण करने से विशेष रूप मानसिक शांति प्राप्त होती है. तुलसी की पूजा में ही धार्मिक महत्व है. इसके दानों की माला पहनने से इंसान के अंदर शक्ति का विस्तार होता है. और उसकी तरक्की और यश बढ़ने लगता है. तुलसी की माला पहनने से इंसान के अंदर आकर्षण की शक्ति आती है. ऐसी मान्यता है कि तुलसी माला पहना हुआ इंसान किसी बीमारी व अकाल मौत नहीं मरता.  

तुलसी की माला को पहनने से मानव शरीर कई रोगों जैसे सिरदर्द, जुकाम, चर्मरोग, बुखार आदि नहीं लगते. इस माला को विशेष रूप से देवपूजा, यज्ञकर्म, अध्ययन आदि में सफलता प्राप्ति के लिए धारण करना चाहिए, उसे धारण करने से व्यक्ति के अंदर आत्मविश्वास में वृद्धि, तथा सात्विक भावनाएं जागृत होती हैं. अपने कर्तव्य पालन के पति मदद मिलती है.इस माला को शुभ वार, सोम, गुरु, बुध को गंगाजल से शुद्ध करके धारण करना चाहिए.

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