इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर बढ़ता फोर्ड का रुझान

नई दिल्ली: दुनिया की हर ऑटो कंपनी इलेक्ट्रिक वाहनों के उत्पादन की ओर कदम बढ़ा चूकि है, ऐसे में फोर्ड ने भी जर्मनी में इलेक्ट्रिक कारों के उत्पादन के लिए 2023 के बाद का लक्ष्य निर्धारित किया है. इसी साल फोर्ड के फिएस्टा मॉडल को बंद किया जाएगा. कंपनी के प्रमुख ने एक वार्ता के दौरान कहा कि वह बदलाव का समर्थन करने के लिए राज्य सब्सिडी का स्वागत करेंगे. जर्मन बिजनेस डेली हैंडल्सब्लट की रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी कोलोन में अपने संयंत्र को फिर से लगाने के लिए लगभग 15 महीनों का समय लेगी औ अगर इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री सालाना 30,000 या 40,000 वाहनों की रहेगी तो यह निवेश के लायक नहीं है.

उन्होंने कहा, इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री अभी ज्यादा पावरफुल नहीं रहेगी. इसलिए आज की इलेक्ट्रिक कार उनके लिए फायदेमंद नहीं है.  फोर्ड और महिंद्रा मिलकर अब भारत में एसयूवी और छोटी इलेक्ट्रिक गाड़ियां तैयार करेंगी.इसके लिए दोनों कंपनियों के बीच गुरुवार को एक MoUs साइन हुआ. दोनों कंपनियां भारत और दूसरे उभरते हुए मार्किट को फोकस करके गाड़ियां डेवलप करेंगी.

इसके अलावा दोनों कंपनियां कनेक्टिड कार सल्यूशंस पर भी मिलकर काम करेंगी.इन दिनों ईंधन की खपत, बढ़ती कीमतें, प्रदुषण ओर इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर बढ़ते रुझान को देखते हुए दुनिया की हर कंपनी इलेक्ट्रिक वाहनों की दिशा में सोच रही है और कइयों ने तो इस हेतु कार्य भी शुरू कर दिया है. विभिन्न ऑटो शो में आज कल इलेक्ट्रिक वाहन बेपर्दा भी किये जा रहे है. 

 

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