आज चैत्र नवरात्र का दूसरा दिन, ऐसे करें मां ब्रहमचारिणी को प्रसन्न

नवरात्रि में 9 दिन माता की पूजा अर्चना की जाती है. प्रत्येक वर्ष चैत्र नवरात्रि  (Chaitra  Navratri ) चैत्र शुक्ल के प्रतिपदा के दिन से आरम्भ होती है. इस वर्ष 9 अप्रैल बुधवार को चैत्र नवरात्रि आरम्भ हो गई है. इन 9 दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। ये नौ स्वरूप मां शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, मां महागौरी और मां सिद्धिदात्री हैं।

चैत्र नवरात्र के दूसरे दिन बुधवार को मां ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना की जाती है। विधि विधान से मां के दर्शन कर पूजा अर्चना कर परिवार में सुख समृद्धि का कामना करते हैं।  मां ब्रह्मचारिणी ध्यान, ज्ञान और वैराग्य की अधिष्ठात्री देवी हैं। साधक उनकी आराधना कर ज्ञान-ध्यान के साथ वैराग्य प्राप्त कर सकते हैं। मां ब्रह्मचारिणी के हवन में सामग्री के साथ धूप, कपूर, लौंग, सूखे मेवा, मिश्री-मिष्ठान, देसी घी के साथ आहुति देकर पूजन किया जाता है। 

कैसे पड़ा मां का नाम मां ब्रह्मचारिणी का उद्भव ब्रह्मा जी के कमंडल से माना जाता है, इसीलिए इनका नाम ब्रह्मचारिणी पड़ा। मां ब्रह्मचारिणी सरल स्वभाव वाली एवं दुष्टों को मार्ग दिखाने वाली हैं। भगवती ब्रहमचारिणी के पूजन से भगवान महादेव भी प्रसन्न होते हैं

कैसा है मां ब्रहमचारिणी का रूप इनके दाहिने हाथ में जप की माला व बाएं हाथ में कमंडल है। साधक अगर भगवती के इस स्वरूप की आराधना करते हैं, तो उनमें तप करने की शक्ति, त्याग, सदाचार, संयम एवं वैराग्य में वृद्धि होती है। जीवन के कठिन से कठिन संघर्ष में वह विचलित नहीं होता है।

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