पीएम मोदी के जन्मस्थल वडनगर में होगा तीन दिवसीय पुरातात्विक अध्ययन

नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी के पैतृक स्थान वडनगर के पुरातात्विक अध्ययन की खबर से शहरवासियों में खुशी की लहर दौड़ चुकी है। इसमें बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के 26 प्रतिभागियों और विश्वभर के करीब 2000 पुरातत्वविदों की सहभागिता होने वाली है , जो वडनगर के पुरातात्विक महत्व पर चिंतन करने वाले है। जिसके लिए 18-20 मई तक गुजरात के गांधीनगर में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित भी किया जा रहा है।

 

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इसकी सूचना सूरत विधायक पूर्णेश मोदी ने देश के अपने माइक्रो-ब्लॉगिंग मंच, कू ऐप के माध्यम से दी है। वे कहते हैं- "भारत अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्ष को #AzadiKaAmritMahotsav के रूप में मना रहा है और उसी वडनगर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के एक हिस्से के रूप में 18-20 मई तक गांधीनगर में पुरातत्व विरासत और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए आयोजित किया गया है।"

 

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वडनगर एक गौरवशाली शहर है, जिसकी अद्भुत रचनाओं का जिक्र करते हुए विधायक ने एक अन्य पोस्ट के माध्यम से अपनी बात कही है-  #Vadnagar और इसकी अद्भुत रचनाओं का अनुभव करें। वडनगर में मन को लुभाने के लिए बहुत कुछ है गौरवशाली इतिहास का जश्न मनाने के लिए तैयार हो जाइए! #VadnagarInternationalConference @narendramodi @GujaratTourism @InfoGujarat .

 

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आने वाली दिनांक 18 से लेकर 20 मई 2022 तक चलने वाले तीन दिवसीय सम्मेलन का आयोजन गुजरात सरकार के खेल, युवा और संस्कृति मंत्रालय और केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के संयुक्त उद्यम के द्वारा किया जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन प्राचीन ऐतिहासिक महत्व, स्थापत्य विरासत और शहर के नगर नियोजन जैसे अहम् मुद्दों पर प्रकाश डालते हुए वडनगर को "ऐतिहासिक विरासत गंतव्य" के रूप में विकसित करने के लिए रणनीतियों और विचारों का आदान-प्रदान करने में सक्षम हो सकते है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा और मार्गदर्शन में, आजादी के अमृत महोत्सव पर इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के माध्यम से प्रधानमंत्री के गृहनगर वडनगर की पुरातत्व विरासत को पर्यटन विविधता वाले स्थान के रूप में विकसित करने पर एक सामूहिक विचार-मंथन सत्र होने वाला है।

बड़ी संख्या में लोग लेंगे भाग: बता दें कि इस तीन दिवसीय सम्मेलन में वडनगर का इतिहास, विरासत और सांस्कृतिक महत्व, वडनगर के पुरातत्व स्थल, जल प्रबंधन, जल भंडारण के पारंपरिक तरीके, बौद्ध विरासत का विकास, पुरातत्व संग्रहालय आदि विभिन्न विषयों पर चर्चा की जा रही है। अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में लगभग 8 अंतरराष्ट्रीय स्तर और 20 राष्ट्रीय स्तर के वक्ता, यूनेस्को के प्रतिनिधि, लेखक, इतिहासकार, पुरातत्वविद, वडनगर के शहरवासी, सितंबर विश्वविद्यालय, आईआईटी गांधीनगर, डेक्कन कॉलेज पूना और दो हजार से अधिक छात्र हिस्सा लेने वाले है। तीन दिवसीय सम्मेलन के अन्य मुख्य आकर्षण में कला तथ्य प्रदर्शनी, भारत सरकार के पुरातत्व विभाग द्वारा विरासत पर्यटन पर वडनगर चार्टर, वडनगर के विभिन्न पहलुओं को प्रस्तुत करने वाले ललित कला के छात्रों द्वारा स्केच पेंटिंग की प्रदर्शनी शामिल है।

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